Holiday Heart Syndrome: हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम एट्रियल एक ऐसी बीमारी है, जो छुट्टियों के दौरान खराब खान-पान की वजह से होती है. इस बीमारी का संबंध दिल से होता है. दरअसल, के दौरान हम दिल के मरीजों की संख्या अक्सर बढ़ जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि छुट्टियों के दौरान लोग अनहेल्दी चीजे़ खाना शुरू कर देते हैं और खुद को हेल्दी रखने वाली एक्टिविटीज़ और डाइट से भी किनारा कर लेते हैं. शराब का ज्यादा सेवन करते हैं और विभिन्न पार्टियों या इवेंट के दौरान ज्यादा जंक फूड और फास्ट फूड खाना शुरू कर देते हैं. इन्हीं सब वजहों से हमारा दिल बीमार पड़ जाता है. इसी परेशानी को हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है.
पहले से ही दिल की समस्याओं से जूझ रहे लोगो को हॉलीडे हार्ट सिंड्रोम होने का खतरा ज्यादा होता है. हालांकि ऐसा नहीं है कि ये बीमारी सिर्फ दिल से संबंधित परेशानियों वाले लोगों को ही प्रभावित करेगी. हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम का खतरा एक हेल्दी व्यक्ति को भी हो सकता है, अगर वो खराब खान-पान या लाइफस्टाइल में इनवॉल्व हो जाए. अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं कराया जाता है तो यह स्थिति हार्ट फेलियर और स्ट्रोक जैसे गंभीर खतरों को जन्म दे सकती है.
हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
थकान: छुट्टियों के दौरान व्यक्ति सामान्य से ज्यादा थकान महसूस कर सकता है.
सीने में दर्द: सीने में बेचैनी, दर्द या दबाव का अनुभव हो सकता है.
चक्कर आना: चक्कर आने जैसा लगना या बेहोसी महसूस होना
दिल की धड़कन में बदलाव: व्यक्ति को अपनी छाती में तेज सनसनी महसूस हो सकती है या फिर उसे छटपटाहट का सामना भी करना पड़ सकता है.
सांस लेने में कठिनाई: डेली एक्टिविटीज़ के दौरान या रेस्ट करने पर भी सांस लेना मुश्किल होना
हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम का इलाज
हॉलिडे हार्ट सिंड्रोम का इलाज व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य पहले से ही खराब रहता है तो संभावना है कि डॉक्टर उसको कार्डियोवर्जन की सलाह दे सकते हैं. यह एक ऐसी सर्जरी है, जो नॉर्मल कार्डियक रिदम को बहाल करने के लिए लो-एनर्जी शॉक का इस्तेमाल करती है. इसमें शराब के सेवन से परहेज करने की सलाह दी जाती है.
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