Inflamation Problem: इन्फ्लेमेशन आजकल एक ऐसी समस्या हो गई है, जिससे न जाने कितने लोग परेशान हैं. दरअसल, यह एक तरह से शरीर की एक प्रोसेस ही होती है, जब शरीर पर कोई चोट लगती है या आप संक्रमण का शिकार हो जाते हैं, तो शरीर की रक्षा करना के लिए इन्फ्लेमेशन होता है, जिसे सामान्य भाषा में सूजन भी कहा जाता है. लेकिन जब शरीर में बहुत ज्यादा इन्फ्लेमेशन की समस्या होने लगे तो यह गंभीर स्थिति भी पैदा कर सकता है. आइए आज हम आपको इन्फ्लेमेशन से जुड़ी जानकारी देते हैं और इससे होने वाली क्रॉनिक बीमारी के बारे में भी बताते है.
इन्फ्लेमेशन से होने वाली गंभीर समस्याएं
अगर लंबे समय तक इन्फ्लेशन यानी की सूजन की समस्या शरीर में बनी रहे तो यह कई बीमारियों को जन्म दे देती है. जैसे रूमेटाइड, अर्थराइटिस और ऑटोइम्यून बीमारियां इसका सबसे बड़ा कारण है. दूसरा सबसे बड़ा खतरा इन्फ्लेमेशन का यह होता है कि यह कार्डियोवैस्कुलर डिजीज जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट हेल्थ और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों को भी जन्म देता है.
इन्फ्लेमेशन का पता कैसे लगाएं
अब बात आती है कि अगर आपके शरीर में बिना किसी चोट या संक्रमण के इन्फ्लेशन हो रहा है या क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी डिजीज से आप प्रभावित है, तो इसका पता कैसे लगाया जाए? इस स्थिति में आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है, कभी-कभी यह आपकी गर्दन और हिप्स तक पहुंच जाता है. ऐसे में इस समस्या को हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी डिजीज हमारे तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकती है.
ऐसे कम करें इन्फ्लेमेशन
इन्फ्लेमेशन को काम करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए जो इन्फ्लेमेशन को बढ़ाती है, जैसे- वाइट ब्रेड, तली भुनी चीजें, सोडा, ड्रिंक्स, रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, फ्रेंच फ्राइज आदि. ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना चाहिए, एक्सरसाइज करनी चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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