Knee Pain Disease : क्या आप भी घुटनों के दर्द से परेशान हैं. क्या लगातार दर्द असहनीय होता जा रहा है. अगर हां तो सावधान हो जाइए, क्योंकि कभी बुजुर्गों की बीमारी समझी जाने वाली ऑस्टियो आर्थराइटिस अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है. साल 2019 तक भारत में इसके करीब 6.2 करोड़ केसेस थे. दरअसल, सड़क, घर, ऑफिस में लगे हार्ड सरफेस और जूते, हील और हार्ड सोल वाले फुटवियर से घुटनों का कार्टिलेज जल्दी खराब होने का खतरा रहता है.
इसके अलावा खराब लाइफस्टाइल, खाने में कैल्शियम, विटामिन-डी की कमी, लो फिजिकल एक्टिविटी से इसकी दिक्कतें बढ़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर ऑस्टियो आर्थराइटिस क्या है, यह कितनी खतरनाक है और इससे कैसे बच सकते हैं...
ऑस्टियो आर्थराइटिस क्यों खतरनाक
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऑस्टियो आर्थराइटिस (Osteoarthritis) एक तरह का गठिया ही है, जो कभी बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था लेकिन आजकल कम उम्र वाले भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. कार्टिलेज घिसता नहीं है लेकिन एक बार अगर यह खराब हो जाए तो दोबारा से बन नहीं पाता है. अगर किसी की हड्डी एक बार टूट जाए तो फिर से जुड़ जाती है, लेकिन ऑस्टियो आर्थराइटिस में खराब हो रहा कार्टिलेज दोबारा से रिपेयर नहीं हो पाता है. इसलिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है.
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ऑस्टियो आर्थराइटिस कौन सी बीमारी है
हमारी हड्डियों के बीच कार्टिलेज होती है, जो गाड़ी के पहियों में स्टील के फ्रेम में टायर की तरह होती है, जो सड़क पर लगने वाले झटकों को कम कर एक गद्दी की तरह काम करती हैं. कार्टिलेज सभी जॉइंट्स के बीच होती है लेकिन पैरों के कार्टिलेज ऑस्टियोआर्थराइटिस की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं. अगर एक बार ये कराब हो जाए तो दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. घुटने तक बदलने की नौबत आ सकती है.
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ऑस्टियो आर्थराइटिस की शुरुआत कैसे होती है
1. शुरू-शुरू में उठने-बैठने में दिक्कत होती है.
2. कभी-कभी घुटनों में दर्द होता है.
3. कार्टिलेज को ज्यादा नुकसान पहुंचने पर दर्द बढ़ जाता है.
4. हड्डियां आपस में रगड़ने लगती है और परेशानी बढ़ जाती है.
जॉइंट और कार्टिलेज को सेफ रखने के लिए क्या करें
1. डेली एक्सरसाइज करें.
2. वजन कंट्रोल रखें.
3. चोट, दर्द को इग्नोर न करें, डॉक्टर की सलाह लें.
4. कुशन वाले फुटवियर पहनें.
5. पोश्चर का ख्याल रखें.
6. स्मोकिंग को बाय-बाय कहें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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