Male Hormone: सिर्फ वंश वृद्धि के लिए नहीं, शरीर में और भी कई कामों के लिए चाहिए टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन; जानें क्यों जरूरी है इसका बैलेंस
Testosterone Hormone: यदि पुरुषों के शरीर में इस हॉर्मोन का सीक्रेशन कम हो जाए तो सिर्फ फर्टिलिटी पर ही नहीं बल्कि सेहत पर भी कई बुरे प्रभाव पड़ते है. मेल हॉर्मोन का बैलेंस क्यों जरूरी है, यहां जानें
Testosterone Hormone Importance in Body: टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को मेल हॉर्मोन के रूप में जाना जाता है. हालांकि यह फीमेल्स में भी होता है लेकिन पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के शरीर में इसका प्रतिशत काफी कम होता है. पुरुषों में यह हॉर्मोन कामेच्छा और फर्टिलिटी को रेग्युलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसीलिए इसे सेक्स हॉर्मोन भी कहा जाता है. लेकिन इसका रोल सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. बल्कि इससे कहीं अधिक है.
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि सेक्स हॉर्मोन समझे जाने वाले टेस्टोस्टेरोन का स्तर अगर शरीर में कम हो तो ग्रोइंग ऐज में बच्चे की मसल्स भी ठीक से डिवेलप नहीं हो पाती हैं. जिन टीनेजर लड़कों के शरीर में इस हॉर्मोन का स्तर कम हो जाता है, उनके समय पर दाढ़ी और मूंछ यानी फेशियल हेयर आने में समस्या होती है. आमतौर पर 10 से 30 साल की उम्र में लड़कों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे हाई होता है और इसके बाद इसमें कमी आने लगती है.
शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का महत्व?
- टेस्टोस्टेरोन एक न्यूरोट्रांसमीटर है. यानी यह ब्रेन को सिग्नल भेजने का काम भी करता है. शरीर की ग्रोथ और उम्र की जरूरतों के हिसाब से यह ब्रेन को सिग्नल भेजता है, जो यौन इच्छाओं और जरूरी बदलावों से संबंधित होते हैं. पुरुषों के शरीर में स्थित पिट्यूटरी ग्लैंड टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर और उत्पादन को रेग्युलेट किया जाता है और टेस्टिकल्स में इसका उत्पादन होता है.
- टेस्टोस्टेरोन का सीक्रेशन होने के बाद यह रक्त के माध्यम से जरूरी अंगों में पहुंचता है और अलग-अलग काम पूरे करता है. जैसे, हड्डियों में मजबूती लाना, मसल्स की लचक बढ़ाना, स्पर्म काउंट को बनाए रखना इत्यादि. जिस तरह पुरुषों के शरीर में इस हॉर्मोन का स्तर कम होना नुकसानदायक होता है, उसी तरह महिलाओं के शरीर में इसका लेवल बढ़ जाना हानिकारक होता है. जिन महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है, उनके चेहरे और शरीर के दूसरे अंगों पर पुरुषों की तरह अधिक और घने बाल उगने लगते हैं.
शरीर के लिए टेस्टोस्टेरोन की जरूरत
- टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन में मदद करता है.
- बचपन में हड्डियां सॉफ्ट और नाजुक होती हैं. बढ़ती उम्र में हड्डियों का वॉल्यूम बढ़ाकर इन्हें मजबूत देने में भी टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का महत्वपूर्ण रोल होता है.
- टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन मांसपेशियों की लचक, इनका स्तर और आकार जरूरत के हिसाब से निर्धारित करने और बढ़ाने में सहायता करता है.
- शरीर के अंदर भोजन के माध्यम से जो फैट प्राप्त होता है और जो फैट शरीर खुद से तैयार करता है, इसे कहां और कितनी मात्रा में डिस्ट्रीब्यूट करना है, यह तय करने में भी टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का महत्व बहुत अधिक होता है.
- टेस्टोस्टेरोन सेक्स ड्राइव को रेग्युलेट करता है. क्योंकि महिलाओं में इसका स्तर कम होता है इसलिए पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कामेच्छा काफी कम होती है. लेकिन यदि महिलाएं सप्लिमेंट्स के माध्यम से इस हॉर्मोन का स्तर बढ़ाने का प्रयास करें तो यह उनके शरीर में असामान्य बदलावों की वजह बन सकता है.
टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण
जब पुरुषों के शरीर में इस हॉर्मोन की कमी हो जाती है तो शुरुआती तौर पर इसके लक्षण इन रूपों में सामने आते हैं...
- शारीरिक कमजोरी महसूस होना
- बाल अधिक झड़ना, पूरे शरीर से बाल झड़ना
- मांसपेशियों का टूटना और मसल्स में बेचैनी होना
- बॉडी में फैट बढ़ना लेकिन वीकनेस बनी रहना
- यौन इच्छाओं में कमी होना
- निपल्स के टिश्यू बढ़े हुए या सूजे हुए होना
- इनफर्टिलिटी की समस्या का होना
टेस्टोस्टेरोन की कमी का उपचार क्या है?
यदि आपको लगता है कि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी हो गई है तो यूं ही किसी दवाई का सेवन करना शुरू ना करें. ऐसा करने के भयानक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. आप पहले डॉक्टर से मिलें और फिर उन्हीं की गाइडेंस में ट्रीटमेंट लें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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