MERS-COV: कोरोना वायरस को भले ही WHO ने अब वैश्विक महामारी के लिस्ट से हटा दिया हो लेकिन इस वायरस का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है. दुनिया जब कोरोना वायरस से उबरने के कगार पर है तो इस बीच कोरोना वायरस से जुड़ी एक और बीमारी ने दस्तक दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने अबू धाबी में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम कोरोना वायरस के एक मामले की पुष्टि की है.आइए जानते हैं कि आखिर क्या है ये MERS-COV.क्या हैं इसके लक्षण...
MERS-COV के बारे में जानिए
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इसे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम कोरोना वायरस कहा जाता है. यह पहली बार 2012 में सऊदी अरब में पाया गया था और अब तक यह 27 से अधिक देशों में पाया गया है. इनमें मेडलिस्ट के देश फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, यूएई जैसे देश शामिल है.ये एक जूनोटिक वायरस है जो जानवरों और लोगों के बीच फैलता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सऊदी अरब में लोग ज्यादातर संक्रमित ऊटों के असुरक्षित संपर्क से संक्रमित हुए हैं.इसकी वजह से सर्दी जुखाम से लेकर गंभीर तीव्र श्वसन संड्रोम तक की बीमारियों का खतरा रहता है.
अबू धाबी में पाया गया मामला
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक आबू धाबी के रहने वाले एक 28 साल के युवक में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं. जिसके बाद टेस्ट से इस बीमारी की पुष्टि की गई. यूएई सरकार ने इसकी जानकारी 10 जुलाई को दी है. जानकारी के मुताबिक मरीज 3 से 7 जुलाई के बीच अस्पताल पहुंचा जहां उसने उल्टी, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, पेशाब करने में दर्द की शिकायत की. 13 जुलाई तक उसकी हालत गंभीर हो गई और उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उसे मैकेनिकल वेंटीलेशन में रखा गया. जांच में mers cov पॉजिटिव पाया गया.
कैसे होता है इसका इलाज?
अभी तक इस वायरस को खत्म करने का कोई भी इलाज नहीं मिल पाया है. माना जा रहा है कि इस वायरस के टीके के ऊपर काम चल रहा है.फिलहाल इसमें मरीज का इलाज उसके लक्षणों को देखकर किया जाता है. डॉक्टर के मुताबिक इस बीमारी से बचने के लिए ऐसी जगह जाने से बचना चाहिए जहां पर जानवर हो, खेत खलियान, फार्म खास तौर पर जहां पर ऊंट मौजूद हो.