मायोसाइटिस एक बीमारी है जिसमें मांसपेशियों में सूजन आ जाती है. यह तब होता है जब हमारी इम्यून सिस्टम गलती से हेल्थ मांसपेशी ऊतकों पर हमला करती है. इससे मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द और सूजन होती है. इस बीमारी को समय पर पहचानना और इलाज करना बहुत जरूरी है, वरना यह गंभीर हो सकती है. आज हम जानेंगे कि मायोसाइटिस के लक्षण क्या हैं और इसे कैसे पहचाना जा सकता है, ताकि समय रहते इसका सही इलाज हो सके. 


जानें इस बीमारी के बारे में
हाल ही में, दंगल फिल्म में छोटी बबिता का रोल निभाने वाली सुहानी भटनागर की मौत डर्मेटोमायोसाइटिस नामक बीमारी के कारण हुई. यह एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी है, जो 10 लाख लोगों में से किसी एक को होती है. डर्मेटोमायोसाइटिस मायोसाइटिस का एक प्रकार है और यह एक ऑटो इम्यून डिजीज है. .इस बीमारी में मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और त्वचा के साथ-साथ शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है. अगर समय पर इसका इलाज न हो, तो यह जानलेवा हो सकती है. मायोसाइटिस के लक्षणों को पहचानकर और समय पर इलाज करवाकर इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है. 








मायोसाइटिस के प्रकार



  • डर्माटोमायोसाइटिस: इसमें त्वचा और मांसपेशियों दोनों में सूजन होती है.

  • पॉलिमायोसाइटिस: इसमें सिर्फ मांसपेशियों में सूजन होती है, खासकर कूल्हे, जांघ, कंधे और गर्दन की मांसपेशियों में.

  • इन्क्लूजन बॉडी मायोसाइटिस (IBM): यह दुर्लभ प्रकार है जिसमें मांसपेशियों में सूजन और कमजोरी धीरे-धीरे बढ़ती है. 


मायोसाइटिस के लक्षण



  • मांसपेशियों में कमजोरी: यह सबसे आम लक्षण है। शुरुआत में हल्की कमजोरी होती है जो धीरे-धीरे बढ़ती जाती है.

  • मांसपेशियों में दर्द और सूजन: मांसपेशियों में दर्द और सूजन हो सकती है, जिससे चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है.

  • थकान: सामान्य से ज्यादा थकान महसूस होती है.

  • सांस लेने में दिक्कत: कभी-कभी फेफड़ों की मांसपेशियों में भी सूजन हो जाती है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है. 


मायोसाइटिस के कारण
मायोसाइटिस के मुख्य कारणों में ऑटोइम्यून विकार, संक्रमण (वायरल, बैक्टीरियल, या फंगल), और कुछ दवाएं शामिल हो सकती हैं. हालांकि, कई मामलों में सटीक कारण पता नहीं होता है. 


मायोसाइटिस का इलाज



  • दवाएं: सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए स्टेरॉयड और इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं दी जाती हैं.

  • फिजिकल थेरेपी: मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए फिजिकल थेरेपी बहुत महत्वपूर्ण है.

  • व्यायाम: नियमित व्यायाम मांसपेशियों की कमजोरी को कम करने और उनके कार्य को बनाए रखने में मदद करता है.

  • बैलेंस डाइट: पौष्टिक आहार, जिसमें प्रोटीन और विटामिन भरपूर मात्रा में हों, मांसपेशियों की सेहत के लिए जरूरी है. 







Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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