कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर डोज पर अमेरिका के टॉप डॉक्टर फाउची की क्या है राय, जानिए
डॉक्टर एंथनी फाउची का कहना है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए बूस्टर खुराक जरूरी हो सकता है. उनका बयान फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कोविड-19 वैक्सीन के तीसरी डोज को खारिज करने के बाद आया है.
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कोविड-19 के खिलाफ अधिक से अधिक सुरक्षा हासिल करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन का बूस्टर खुराक जल्द ही जरूरी हो सकता है. ये कहना है अमेरिका के टॉप संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची का. उनका बयान फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का तीसरी डोज को खारिज करने के बाद आया है. पैनल ने 16 वर्ष और उससे ज्यादा के लोगों में तीसरा डोज के व्यापक इस्तेमाल को रद्द कर कर दिया था. फाइजर ने 52 पन्नों का प्रस्ताव फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेश के सामने पेश किया था, जिसमें हाल ही में इजराइली रिसर्च के डेटा को शामिल कर बूस्टर की जानकारी दी थी.
अमेरिका के टॉप संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने बूस्टर पर दिया बयान
रिसर्च से पता चला था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन का बूस्टर डोज संक्रमण और गंभीर बीमारियों दोनों को इंजेक्शन के बाद 60 वर्षीय लोगों में रोक सकता है. इसका समर्थन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भी किया था. हालांकि, पैनल ने ने फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन का बूस्टर डोज की स्वीकृति 65 वर्षीय और उससे ज्यादा की उम्र वालों के लिए दी है. फाउची ने कहा, " मैं कम होती इम्यूनिटी के आधार पर बढ़ावा देने को तैयार हूं, जैसा कि हम बहुत साफ अमेरिकी डेटा और उससे ज्यादा अपने इजरायली साथियों के डेटा में देख रहे हैं.
'कोविड से बचाव के लिए जल्द जरूरी हो सकता है बूस्टर खुराक'
ब्रिटेन में इम्यूनिटी की कमी के कुछ संकेत हैं, जिसकी वजह से ब्रिटेन जल्द 50 वर्षीय और उससे ज्यादा के लोगों का टीकाकरण के साथ हेल्थ केयर पेशेवर और कमजोर इम्यूनिटी वालों को डोज लगाएगा." न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक फाइजर पर रिसर्च से पता चला कि बूस्टर डोज के 12 दिनों बाद संक्रमण का दर 11 गुना कम हो गया और गंभीर बीमारी की दर बूस्टर लगवाने वालों में 20 गुना मात्र 2 डोज लगवानेवालों के मुकाबले कम हो गई. उसी तरह, मॉडर्ना ने भी दावा किया है कि कोविड-19 के खिलाफ उसकी एमआरएनए वैक्सीन से सुरक्षा सिर्फ छह महीनों तक रह सकती है, इस तरह बूस्टर डोज की मजबूत वकालत की है.
हालांकि, कई देश जैसे इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, फ्रांस, जर्मनी और इटली ने पहले ही बूस्टर डोज के साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया है. लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई वैज्ञानिकों ने कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे डोज को इसके खिलाफ बताया है. लैंसेट में एक प्रकाशित एक इंटरव्यू में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने दलील दी कि गंभीर कोविड के खिलाफ वैक्सीन का असर काफी है, यहां तक कि डेल्टा वेरिएन्ट के खिलाफ भी और आम आबादी के लिए बूस्टर डोज महामारी के इस चरण में 'उपयुक्त नहीं' है. एस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने टेलीग्राफ में लिखा था कि कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन के तीसरे डोज की जरूरत हर किसी के लिए नहीं हो सकती.
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