एम्स के डॉक्टरों ने कहा है कि कोविड-19 के मरीजों को अपने ऑक्सीजन लेवल पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए. उन्होंने घर पर ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करने की सिफारिश की है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते के बीच दिल्ली ने जंग में बहुत हद तक सफलता पा ली है.


दिल्ली में अभी तक कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले 10 हजार के करीब हैं जबकि बीमारी से मरनेवालों की संख्या 4 हजार हो गई है. घरों में आइसोलेशन में रहनेवाले मरीजों की संख्या करीब 5 हजार है. ये संख्या कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों का 50 फीसद है. कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षण वाले मरीजों को घर पर आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है.


डिवाइस से ऑक्सीजन लेवल का चलता है पता


घर पर आइसोलेट रहनेवालों को इलाज का सही तरीका सुनिश्चित करने के लिए एम्स के डॉक्टरों ने ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखने को कहा है. आम तौर पर कोविड-19 के मरीजों को हाइपोजेमिया की समस्या होती है. इसलिए खून में ऑक्सीजन का प्रतिशत मापने के लिए ऑक्सीमीटर उपयोगी साबित होता है.


ऑक्सीमीटर एक छोटा डिवाइस है जिसे थर्मामीटर की तरह घरों में रखा जा सकता है. डिवाइस को कोरोना के मरीजें की अंगुली, अंगूठा, कान पर क्लिप किया जा सकता है. ऑक्सीमीटर अगर 95 SpO2 से नीचे दिखाता है तो उसे लो और असामान्य माना जाता है. अगर यंत्र पर रीडिंग 93 SpO2 है और सांस लेने में कोई दुश्वारी भी नहीं है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टरों की सलाह लेना जरूरी हो जाता है.


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