Parkinson: पार्किंसंस एक तरह का मानसिक रोग है इसमें व्यक्ति को चलने में दिक्कत सहित बॉडी में कंपन और अकड़न होती है. इसके अलावा बॉडी बैलेंस करने में भी समस्या होती है. यह बहुत ही सामान्य सी बीमारी होती है लेकिन ध्यान ना दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले लेती है. ये एक ऐसा डिसऑर्डर है जिसमें हाथ या पैर से दिमाग तक पहुंचने वाली नसिया तंत्रिका काम करने में असमर्थ हो जाती है.आमतौर पर जब दिमाग को संदेश देने वाला डोपामाइन का स्तर कम हो जाता है तब यह बीमारी होती है.हर व्यक्ति के शरीर में पार्किंसन के अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं. कुछ में यह लक्षण धीरे-धीरे नजर आते हैं तो कुछ में शुरुआत से ही दिखने लग जाते हैं.आइए विस्तार से जानते हैं इनके बारे में


पार्किंसंस के लक्षण


बॉडी में कंपन -बॉडी में कंपन होना पार्किंसंस के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक है. पहले कंपन उंगलियों, हाथों और शरीर के छोटे हिस्सों में शुरू होता है, इसके बाद यह पूरी बॉडी में फैल जाता है. कुछ वक्त के बाद अगर ये ज्यादा बढ़ जाए तो पीड़ित को खड़ा हो पाना भी मुश्किल होता है.


पेन पकड़ने में दिक्कत-पार्किंसन की बीमारी में पेन पकड़ते ही हाथों में कंपन होने लगती है. हाथों का मूवमेंट भी मुश्किल हो जाता है.अंगूठे और तर्जनी उंगली एक दूसरे से रगड़ना शुरू हो जाते हैं.


काम करने की क्षमता पर असर-  काम करते समय वर्किंग कैपेसिटी कम हो जाती है. मानसिक तौर पर इतना थकान हो जाता है कि आप काम नहीं कर पाते हैं. इस तरह के लक्षण दिखे तो भी ये पार्किंसन के लक्षण हो सकते हैं. दिमाग के अंदर तंत्रिका कोशिका क्षतिग्रस्त होने लगती है और आप काम करने की क्षमता खोने लगते हैं.


अवाज में बदलाव-कुछ लक्षणों में आवाज में बदलाव होना भी शामिल है.कुछ लोगों की आवाज में उच्चारण में बदलाव होने लग जाते हैं, समस्या अगर ज्यादा बढ़ जाती है तो आवाज में कंपन भी शुरू हो जाता है.इस दौरान पीड़ित हकलाने लगता है. इस दौरान मरीज को सोचने में भी दिक्कत होती है.


शरीर झुक जाता है-कुछ लोगों में शरीर के पोजीशन में बदलाव शुरू हो जाते हैं.कुछ व्यक्तियों का शरीर झुक जाता है और शरीर पर नियंत्रण करने में भी दिक्कत आ जाती है, आंखों का मूवमेंट भी बदल जाता है. मांसपेशियों में अकड़न होने लगता है.


क्या है बचने का उपाय?


रिसर्च के मुताबिक इस समस्या में विटामिन सी और विटामिन ई युक्त खाना खाना चाहिए इसका सीधा असर हेल्थ पर पड़ता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों ने विटामिन सी और विटामिन ई का ज्यादा सेवन किया है उनमें पार्किंसन का खतरा 38 फ़ीसदी तक कम पाया गया है. इसके अलावा  रोजाना एक्सरसाइज करने से भी पार्किनसन की बीमारी का खतरा कम होता है.टाइम टू टाइम हेल्थ चेकअप करवाना भी जरूरी होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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