Rabies Risk: आपने कई संक्रमित बीमारियों के बारे में सुना होगा जो जानवरों से फैलती है. इन्हीं में से एक खतरनाक कही जाने वाली बीमारी है रेबीज (Rabies). रेबीज इतनी खतरनाक है कि इससे मरीज की जान तक जा सकती है. रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी की रोकथाम और इसके प्रति जनता को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस (world Rabies Day 2023) मनाया जाता है. रेबीज के बारे में बात की जाए तो ये कुछ जानवरों के काटने से होता है. जब संक्रमित जानवर किसी व्यक्ति को काटते हैं तो उनकी लार व्यक्ति के खून में मिल जाती है जिससे रेबीज के कीटाणु उस शख्स के शरीर में चले जाते हैं. आपको बता दें कि भारत में ही हर साल रेबीज के चलते 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है.

 

क्या है रेबीज की बीमारी  

रेबीज की बीमारी संक्रमित जानवर के काटने से फैलती है. ये बीमारी कुत्ते, बंदर और बिल्लियों के काटने से फैलती और इन संक्रमित जानवरों की लार में पाए जाने वाले कीटाणु खून में मिलकर संक्रमण फैलाते हैं. हालांकि आजकल पालतू जानवरों को रेबीज की वेक्सीन लगने लगी है लेकिन आवारा पशुओं को रेबीज की वेक्सीन नहीं लग पाती और इसीलिए ये संक्रमित होकर रेबीज की बीमारी के वाहक बन जाते हैं. 

 

क्या हैं रेबीज के लक्षण 

रेबीज से संक्रमित जानवर अगर किसी इंसान को काट ले तो इसके  लक्षण एक से तीन महीने के भीतर दिखने लगते हैं. हालांकि कुछ मामलों में ये लक्षण दस दिनों के बाद भी दिखने लगते हैं औऱ कुछ मामलो में आठ माह बाद भी हल्के लक्षण दिखते हैं. इन लक्षणों में सिर में दर्द, बुखार,बदन में दर्द,जी मिचलाना, थकान, बेचैनी, नींद ना आना और लगातार चक्कर आना शामिल हैं. अगर इसके लक्षणों के प्रति लापरवाही की जाए तो रेबीज इस कदर गंभीर हो जाती है कि कई मामलों में मरीज की मौत तक हो जाती है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें

 

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