स्क्रब टाइफस क्या है? जिसने हिमाचल प्रदेश में हड़कंप मचाकर रखा है!
मानसून का मौसम चिलचिलाती गर्मी से बहुत राहत देता है. लेकिन मानसून में गर्मियां भी बढ़ जाती है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश में एक जीवाणु संक्रमण सामने आया है जिसे स्क्रब टाइफस कहते हैं.
मानसून का मौसम चिलचिलाती गर्मी से बहुत राहत देता है. लेकिन मानसून में गर्मियां भी बढ़ जाती है. हाल ही में हिमाचल प्रदेश में एक जीवाणु संक्रमण सामने आया है जिसे स्क्रब टाइफस कहते हैं. इस संक्रमण से राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं 700 से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
स्क्रब टाइफस क्या है?
स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरियल बीमारी है. यह एक ऐसा संक्रमण है जो अपनी शुरुआती दौर में है. जो मौसम बदलने के कारण ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी' जीवाणु के कारण होती है. यह इंफेक्टेड घनों के काटने के कारण होता है. यह संक्रमित कीड़ा जब इंसान को काटता है तो स्क्रब टाइफस होता है. यह आमतौर पर भारत सहित एशिया और प्रशांत क्षेत्र में पाया जाता है. बारिश के समय में यह पहाड़ी क्षेत्रों में काफी ज्यादा होता है. यह मनुष्यों में प्रमुख रूप से चिगर्स नामक संक्रमित घुनों के काटने से फैलता है.
ये घुन आमतौर पर घने जंगल और लंबी घासों में होते हैं. इसके लक्षण हैं बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते और सूजन लिम्फ नोड्स शामिल हैं. इसके अलावा स्क्रब टाइफस का एक विशिष्ट लक्षण एस्केर है जिसमें स्किन पर गंभीर घाव होने लगते हैं. जहां पर यह कीड़ा काटता है उस जगह पर काला या पपड़ी पड़ जाना और घाव का हो जाना आम बात है. कई मामलों में सांस की दिक्कत और ऑर्गन फेल होने की समस्या भी सामने आई है.
यह बीमारी ज्यादा इन लोगों को होती है
स्क्रब टाइफस भारत में चिंता का विषय है क्योंकि यदि इसका तुरंत निदान और उपचार नहीं किया गया तो इससे गंभीर रूप ले सकती है. सबसे डराने वाली बात यह है कि कुछ मामलों में तो जान भी जा सकती है. मानसून के मौसम में मलेरिया, डेंगू और अन्य ज्वर संबंधी बीमारियों के साथ इसके लक्षण ओवरलैप हो जाते हैं जिसकी वजह से लोगों का इसकी तरफ ध्यान नहीं जाता है. स्क्रब टाइफस होने का डर ज्यादातर उन लोगों को है जो गांव या जंगली इलाके में रहते हैं. या जो लोग खेती, कैंपिंग या घास के मैदान में पैदल चलते हैं. उन लोगों को यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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