(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Cold Cough Remedy: घर में बनाएं सितोपलादि चूर्ण, बच्चे पूरे साल सर्दी जुकाम से रहेंगे दूर
Sitopaladi Churna Benefits: लंबी खांसी और जुकाम को दूर भगाने के लिए आप आयुर्वेद का सहारा ले सकते हैं. खांसी और एलर्जी को दूर भगाने के लिए आप बच्चे या बड़े सभी को सितोपलादि चूर्ण दें. जानिए रेसिपी.
Sitopaladi Churna Ingridients: आजकल बच्चों को सर्दी-जुकाम की समस्या सबसे ज्यादा परेशान कर रही है. ज्यादा लंबे समय तक दवाएं खिलाने से दवाओं का असर भी उतना तेजी से नहीं होता है. ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय या आयुर्वेदिक इलाज की ओर सोच सकते हैं. क्योंकि ये कोई ऐसी बीमारी नहीं है जो तुरंत ठीक हो जाए. मौसम बदलने पर, ठंड बढ़ने पर या किसी तरह की लापरवाही से बच्चों को सबसे पहले सर्दी जुकाम परेशान करता है. ऐसे में आप दादी-नानी का इस्तेमाल किया जाना वाला नुस्खा स्थसितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi churna) बच्चे को खिला सकते हैं. इससे बच्चे की खांसी-जुकाम की समस्या दूर होती है. ज्यादातर लोग शिशु और छोटे बच्चों को इस चूर्ण को खिलाते हैं. सितोपलादि चूर्ण से पुरानी खांसी-जुकाम को ठीक करने में मदद मिलती है. इससे साइनस की समस्या भी दूर हो जाती है. आप चाहें तो सितोपलादि चूर्ण को घर में भी बना सकते हैं. जानिए कैसे बनाएं सितोपलादि चूर्ण और इसे कैसे और कब खाना है?
सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि (Sitopaladi churna recipe)
1- सबसे पहले 140 ग्राम मिश्री को पाउडर बना लें. आप मिश्री को कूटकर या पीसकर इसका चूर्ण बना लें.
2- अब 80 ग्राम वंश लोचन और 40 ग्राम पिप्पली को भी पीसकर पाउडर बना लें.
3- इसमें आपको 20 छोटी इलायची डालनी है. जिसे छील कर पीसना है.
4- इसके साथ आप 10 ग्राम दालचीनी को भी पीस लें.
5- अब इन सारी पीसी हुई चीजों को किसी बड़े बर्तन में एक साथ मिला लें.
6- तैयार है घर पर बना सितोपलादि चूर्ण. आप इसे किसी एयर टाइट कंटेनर में भर कर रख लें.
सितोपलादि चूर्ण के फायदे
1- सर्दी, खांसी और कफ को दूर करता है
2- अस्थमा में फायदेमंद है, इससे सांस नलियों की सूजन, इंफेक्शन और बलगम कम पैदा होता है.
3- ब्रोंकाइटिस में मददगार है, इससे छाती में कंजेशन को कम करता है और कफ को पिघला देता है
4- जिन लोगों को सुबह उठते ही छींक आती हैं या किसी तरह की एलर्जी है तो उन्हें इससे फायदा मिलता है.
5- साइन और नाक बहने की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है.
6- गीली खांसी में कफ को फेफड़ों में जमने से रोकता है. इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण कफ को पिघला देते हैं.
7- सूखी खांसी में फायदेमंद है. इससे इंफेक्शन कम होता है और फेफड़े साफ रहते हैं.
8.- सितोपलादि चूर्ण से पाचन मजबूत होता है. इससे भूख बढ़ती है और शरीर में आयरन की कमी दूर होती है.
कैसे खाएं सितोपलादि चूर्ण
अगर आप सुबह सितोपलादि चूर्ण इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे घी के साथ लें. शिशु को घी में मिलाकर ये चूर्ण चटा दें. अगर बच्चा खा नहीं रहा तो हल्का गर्म करके उसकी नाभि पर लगा दें. रात में ले रहे हैं तो इसे शहद के साथ हल्का गुनगुना करके लें. इसके तुरंत बाद आपको पानी नहीं पीना है.
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