सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने प्रेगनेंट या प्रेगनेंट होने की कोशिश कर रही महिलाओं को टीकाकरण करवाने की एडवायजरी जारी की है. रिसर्च से खुलासा हुआ है कि प्रेगनेंट महिलाओं को कोरोना वायरस से मौत या गंभीर बीमारी का ज्यादा जोखिम है. सीडीसी के डायरेक्टर ने स्वास्थ्य सलाह के साथ बयान में कहा, "प्रेगनेंसी खास समय और तनावपूर्ण समय दोनों हो सकती है-और महामारी के दौरान प्रेगनेंसी परिवार के लिए इजाफी चिंता है. मैं जोर देकर प्रेगनेंट महिला या प्रेगनेंसी के लिए विचार करनेवाली से आग्रह करता हूं कि अपने डाक्टर से कोविड-19 वैक्सीन के फायदों पर बात करें ताकि खुद को और अपने बच्चे को सुरक्षित रख सकें."


प्रेगनेंट महिलाओं के बीच टीकाकरण दर बढ़ाने की सिफारिश


सीडीसी के मुताबिक बुधवार तक 125,000 से ज्यादा प्रेगनेंट महिलाएं कोरोना की चपेट में आई हैं, उनमें से 22,000 को गंभीर रूप से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और 161 की मौत हुई- उनमें से 22 मौत सिर्फ अगस्त के महीने में हुई. सीडीसी ने अपने स्वास्थ्य एडवायजरी में लिखा "कोविड-19 का लक्षण होने पर प्रेगनेंट महिलाओं को आईसीयू में जाने का दोगुना खतरा और मौत का जोखिम 70 बढ़ जाता है." कई रिसर्च में पाया गया है कि प्रेगनेंट महिलाओं को आम लोगों की तुलना में कोरोना से संक्रमित होने का ज्यादा जोखिम होता है.


सीडीसी ने प्रेगनेंट महिलाओं से वैक्सीन लेने का किया आग्रह 


सीडीसी के मुताबिक एक बार वायरस की चपेट में आकर बीमार पड़ती हैं, तो उनको गंभीर मामले विकसित होने या उससे मौत की अधिक संभावना होती है. यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की एक रिसर्च से पता चला कि कोरोना से संक्रमित प्रेगनेंट महिलाओं को दिक्कतों से अस्पताल में भर्ती होने का 3.5 गुना ज्यादा जोखिम और करीब 14 गुना युवा अमेरिकियों के मुकाबले मरने का अधिक खतरा होता है. प्रेगनेंट महिलाओं को कोरोना से संक्रमित होने पर प्रेगनेंसी की दिक्कतों का अनुभव करने की भी ज्यादा संभावना होती है. रिसर्च बताती है कि वैक्सीन न सिर्फ प्रेगनेंट महिला की सुरक्षा करती है, बल्कि उसके बच्चे तक भी गर्भ में रहते हुए वायरस से लड़नेवाली एंटीबॉडीज पहुंचाती है.


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