Painkiller Tablets: पेट दर्द, मरोड़ और खासतौर पर पीरियड्स क्रैंप्स होने पर पेनकिलर लेना दर्द से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है. ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स के दौरान क्रैंप्स होने पर पेनकिलर ही लेती हैं. इन पेनकिलर्स में मुख्य रूप से NSAI ड्रग्स शामिल होती हैं. यानी नॉन-स्टेरॉइडल ऐंटी-इंफ्लामेट्री ड्रग्स. ये दवाएं खाने से कुछ ही मिनट में दर्द में तो आराम मिल जाता है. लेकिन शरीर के अंदर ऐसा कुछ घट जाता है कि अगली बार आपको दर्द अधिक तेज हो सकता है. 


जो महिलाएं पीरिड्स क्रैंप्स के दौरान इस तरह की दवाओं का सेवन करती हैं, उन्हें अक्सर ब्लीडिंग के दौरान क्लोटिंग्स की समस्या हो सकती है. पीरियड्स समय से पहले आने शुरू हो सकते हैं या फिर पीरियड्स लेट होने की दिक्कत हो सकती है.


इतना ही नहीं इन दवाओं के रेग्युलर यूज से हेल्दी गट बैक्टीरिया को हानि पहुंचती है, गट फ्लोरा बिगड़ जाता है और इस कारण हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ता है. गट हेल्थ के अलावा ये दवाएं हॉर्मोनल सीक्रेशन पर भी बुरा असर डालती हैं. इस कारण हॉर्मोन्स में असंतुलन हो जाता है और पीरिड्स से संबंधित समस्याएं और अधिक बढ़ जाती हैं. 


किन्हें नहीं लेनी चाहिए पेन किलर्स?


पीरियड्स के दौरान जिन महिलाओं को पहले से ही क्रैंप्स आने, तेज दर्द होने या क्लोटिंग अधिक होने की समस्या होती है, उन्हें इन पेनकिलर्स का यूज नहीं करना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से हॉर्मोनल डिसबैलेंस बढ़ता है और ये सभी समस्याएं पहले से और अधिक गंभीर हो जाती हैं.


पेनकिलर्स का विकल्प क्या है?



  • पेनकिलर्स के कई हर्बल विकल्प आपके घर की रसोई में ही उपलब्ध हैं. जैसे, अजवाइन, हींग, जीरा इत्यादि. इनमें अजवाइन डेली रूटीन में खाने से आपको दर्द, क्रैंप्स और हॉर्मोनल डिसबैलेंस की समस्या से छुटकारा मिलेगा. 

  • यदि आपको बॉडी पेन रहता है तो आप हर रोज रात का भोजन करने के बाद छोटे चम्मच सेआधा चम्मच अजवाइन खाएं. ऐसा करने से पीरिड्स के दौरान क्रैंप्स भी नहीं होते हैं. लेकिन अधिक गर्मी के टाइम में खासतौर पर मई-जून में इसका सेवन ना करें.

  • सिर्फ पीरियड्स के टाइम पर इसका सेवन करना चाहते हैं तो आप अजवाइन का पानी तैयार करके भी इसका सेवन कर सकते हैं. इसके लिए एक डेढ़ गिलास पानी लें और इसमें एक चम्मच अजवाइन डालकर धीमी आंच पर पकने के लिए रख दें. जब ये पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर इसमें मिश्री मिलाएं और गर्मागर्म सेवन करें.

  • पीरियड्स के दौरान आप इस पानी को दिन में दो बार पी सकती हैं. इससे आपको दर्द, क्रैप्स (मरोड़) और क्लोटिंग जैसी समस्याओं में राहत मिलेगी.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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