Viral Disease : इन दिनों दुनिया में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है. भारत में भी स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. देश के लिए पहले से ही तमाम तरह की संक्रामक बीमारियां चुनौती बनी हुई हैं. इनसे होने वाली मौतों की संख्या में भी इजाफआ हो रहा है. संक्रामक रोग (Infectious Diseases) एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचते हैं, जिनकी वजह से ज्यादा गंभीर होते हैं. इनसे बचने के लिए सावधानियां और अवेयरनेस सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे में यहां जानिए भारत में फैली 5 तरह की संक्रामक बीमारियों के बारें में...
1. मंकीपॉक्स (Monkeypox)
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मंकीपॉक्स के केस मिलने से भारत में भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. यह भारत के लिए चिंता का विषय भी है. हालांकि, अभी तक इसके केस यहां नहीं मिले हैं लेकिन इसे लेकर हर किसी को सावधान रहना चाहिए.
2. कोविड-19
तीन साल पहले कोरोना वायरस का कहर हर किसी ने देखा है. जब पूरा भारत लॉकडाउन में कैद हो गया था. आज भी कोविड -19 वायरस का खतरा पूरी तरह टला नहीं है. SARS-CoV-2 वायरस इसका कारण बनता है, जो संक्रामक होता है और सांस संबंधी समस्या बन सकता है. इसमें बुखार, खांसी, थकावट, गले में खराश, सिरदर्द, दर्द, दस्त और आंखों में समस्या हो सकती है.इसकी वजह से बोलने-चलने में दिक्कत और सीने में समस्या हो सकती है.
3. जापानी इंसेफेलाइटिस
जापानी इंसेफेलाइटिस भी एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छरों से हो सकता है. इस बीमारी में गंभीर सिरदर्द, तेज बुखार, बेहोशी, कंपकंपी, और कंफ्यूजन जैसी समस्याएं हो सकती है. इस बीमारी से बचने के लिए सावधानियां रखनी पड़ती है. साल 2022 में असम में इसका प्रकोप देखने को मिला था. हर साल मानसून में इस बीमारी का प्रभाव दिखता है.
4. डेंगू
डेंगू मच्छरों से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर मानसून में देखने को मिलती है. डेंगू का बुखार काफी खतरनाक होता है, जो फ्लू से मिलता-जुलता है. इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
5. स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू H1N1 वायरस की वजह से है. स्वाइन फ्लू से निमोनिया का खतरा काफी ज्यादा रहता है, जो गंभीर और जानलेवा हो सकता है. इसमें तेज बुखार, गले में खराश, सूखी खांसी, सिरदर्द, कमजोरी, थकान, ठंडे हाथ और पैर, दस्त-उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. बच्चों में इस वायरस के लक्षण करीब 10 दिनों बार दिखते हैं. वयस्कों में 7 दिनों बाद भी इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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