इंसान के शरीर में उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर कई तरह के बॉयोलॉजिकल चेंजेज होते हैं. कहा जाता है कि बच्चों के शरीर में 2 से ढ़ाई साल के बाद ही कई तरह के शारीरिक बदलाव होने लगते हैं. आज हम लड़कियों की 'पवर्टी' (Puberty) और 'पीरियड्स' (Periods) पर बात करेंगे . आमतौर पर लड़के या लड़कियों की 'पवर्टी' 8 से 15 सालों के बीच शुरू हो जाते हैं. खासकर लड़कियों की पीरियड्स शुरू होने का यही सही वक्त होता है. लेकिन कुछ लड़कियों की पीरियड्स दूसरे लड़कियों की तुलना में काफी देर से शुरू होते हैं. वहीं कुछ मामलों में लड़कियों को पीरियड्स एकदम नहीं होते हैं. 


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लड़का हो या लड़की 8 से 12 साल की उम्र के बाद वह अपनी जिंदगी के उस पड़ाव पर जाता है. जहां से उसकी एक अलग तरह की जिंदगी शुरू होती है. इसी दौरान इंसान के शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेज होते हैं. जिसे कहते हैं 'पवर्टी'. जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता दें कि Puberty लड़का या लड़की का युवावस्था है. जिसमें एक बच्चे के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इस दौरान लड़का हो या लड़की एक बच्चा अपनी जिंदगी के युवावस्था में प्रवेश करता है. शरीर में कई तरह के बदलाव के साथ- साथ हार्मोनल चेंजेज भी होते हैं. यही टाइम पीरियड होता है जब एक लड़की में ओवुलेशन शुरू होता है. लेकिन कुछ केसेस ऐसे भी है जिसमें लड़कियां अपनी युवावस्था में प्रवेश करने के बावजूद उन्हें पीरियड्स नहीं आते हैं. आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे. आखिर इसके पीछे का कारण क्या है?


इंग्लिश पॉर्टल 'हेल्थ लाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी लड़की को पीरियड्स नहीं आता है तो इसके कई कारण हो सकते  हैं. इसके कई नैचुरल रीजन के साथ-साथ खराब लाइफस्टाइल, हार्मोनल इनबैलेंस भी हो सकते हैं. इस स्थिति में डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है. लेकिन मेडिकल साइंस की भाषा में इसे 'एमेनोरिया' कहा जाता है. किसी लड़की को एमेनोरिया से पीड़ित तब माना जाता है जब एक लड़की को उसके 16 साल की उम्र तक पीरियड्स नहीं आता है. 


हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि एमेनोरिया कई कारणों से हो सकता है. सबसे आम कारण है अगर लड़की या महिला प्रेग्नेंट है. हालांकि अगर किसी लड़की का वजन बढ़ा हुआ है यह वह एक्सरसाइज नहीं करती हैं. तो ऐसे में वह इस बीमारी से पीड़ित हो सकती हैं. कई मामलों में हार्मोनल इनबैलेंस और रिप्रोडक्टिव सिस्टम में कुछ दिक्कतों के कारण भी पीरियड्स नहीं होते हैं. अगर किसी लड़की को एमेनोरिया की शंका हो रही है तो उन्हें बिना समय गवाएं तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. क्योंकि सही वक्त पर इलाज ही इसका उपचार है.


इसके दो कारण हो सकते हैं:-


एमेनोरिया के दो टाइप होते हैं


पहला एमेनोरिया तब होता है जब एक लड़की अपने 16 साल की उम्र या उसे भी पार कर गई हैं और अब तक पीरियड्स नहीं आए हैं. ज्यादातर लड़कियों को 9 से 18 साल की उम्र के बीच पीरियड्स शुरू हो जाते हैं, लेकिन 12 साल एक औसत उम्र है. 


दूसरे टाइम के एमेनोरिया तब होता है जब एक लड़की या महिला को पीरियड्स आते हैं लेकिन अचानक से 3 महीने के लिए बंद हो जाता है. 


एक सही उम्र पर पीरियड्स नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं:-


प्राइमरी और सेकेंडरी एमेनोरिया कई कारणों से हो सकता है. कुछ कारण नैचुरल भी हो सकते हैं. दूसरी भी दिक्कत हो सकती है जिसका पता आपको डॉक्टर से मिलने के बाद ही पता चल पाएगा.


एमेनोरिया होने की सबसे अधिक संभावना वाले नैचुरल कारण में प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग और मेनोपॉज शामिल हैं.


ऐसे लोग जो एकदम एक्सरसाइज नहीं करते हैं और काफी ज्यादा स्ट्रेस में रहते हैं उन्हें यह दिक्कत हो सकती है. जो लड़कियां अंडर वेट या ओवर वेट हैं. जिनका वजन कंट्रोल से बाहर है उन्हें भी पीरियड्स आने में देरी हो सकती है या पीरियड्स बंद भी हो सकता है. 


शरीर में हार्मोनल इनबैलेंस भी एमनोरिया का सबसे बड़ा कारण हो सकता है. आमतौर पर जब पिट्यूटरी ग्लैंड या थॉयराइड ग्लैंड पर ट्यूमर की संभावना होती है. तो कम एस्ट्रोजन और हाई टेस्टोस्टेरोन का लेवल शरीर में पैदा करता है. 


देर से पीरियड्स आने का कारण जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं. टर्नर सिंड्रोम और सॉयर सिंड्रोम भी हो सकते हैं. 


कई ऐसी लड़कियां या महिलाएं जो अनवॉनटेड ढेर सारी दवाइयां खाती है उन्हें भी एमेनोरिया की शिकायत हो सकती है. 


हाई ब्लड प्रेशर और कीमोथेरेपी  दवाएं की वजह से भी पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है. 


ज्यादा गर्भनिरोधक गोलियां खाने की वजह से भी पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है. 


रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के बनावट में अगर कोई दिक्कत है तब भी पीरियड्स टाइम पर नहीं आने की दिक्कत हो सकती है. 


अगर किसी लड़की को अपने युवावस्था में 16 साल के बाद भी पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो यह जन्म से ही पता चल जाएगा.


मेडिकल प्रॉब्लम


अगर किसी लड़की को 16 साल के उम्र के बाद भी पीरियड्स नहीं आते हैं तो हो सकता है उसके ओवरी में ट्यूमर, या रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में ट्यूमर है., जन्म के समय ही खतरनाक संक्रमण के कारण हो सकता है. यह मिस्ड पीरियड एशरमैन सिंड्रोम का लक्षण भी हो सकता है.


कुछ मामलों में यह सर्जरी के बाद गर्भाशय में निशान पड़ने के कारण भ होता है. जिसकी वजह से पीरियड्स एकदम बंद हो जाता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


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