नई दिल्लीः गर्मियां पीक पर हैं. ऐसे में बच्चे लगातार बीमार पड़ रहे हैं. बेशक, स्कूल बंद होने वाले हैं लेकिन इन दिनों स्कूलों से पेरेंट्स के पास फोन आ रहे हैं कि बच्चा बेहोश हो गया या बीमार हो गया. कल ही जालंधर के एक प्राइवेट स्कूल का एक बच्चा दोपहर में छुट्टी के बाद घर की तरफ लौट रहा था अचानक बच्चे की तबियत अचानक बिगड़ गई जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गयी. डॉक्टर्स के मुताबिक, मौत का कारण अचानक आया दिल का दौरा या फिर गर्मी में आया दौरा भी हो सकता है. इसकी अभी जांच चल रही है. वहीं दूसरी ओर हरियाणा के एक स्कूल की चार बच्चियां गर्मी के कारण बेहोश हो गईं.
ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने मैक्स वैशाली के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव सिंह और गंगाराम अस्पताल की डॉ. आरती से बात करके जाना कि बच्चों की गर्मियों में कैसे देखभाल करें.
- डॉ. का कहना है कि नोएडा में जिस तरह से मई में स्कूल बंद करने का प्रस्ताव आया है वैसे ही गर्मी वाले इलाकों में स्कूल बंद करना सबसे अच्छा उपाय है.
- इसके अलावा बच्चों को खुले में प्रार्थना ना करवाएं.
- स्कूल में खुले में होनी वाली स्पोर्ट्स एक्टिविटी और अन्य एक्टिविटी बिल्कुल बंद करवानी चाहिए.
- पेरेंट्स बच्चों को कैप, टोपी या हैट पहनाकर स्कू्ल भेजें.
- बच्चों को प्रोपर लंच दें, ताकि बच्चा बाहर का ना खाएं और बीमार ना पड़े.
- बच्चों को सादे पानी के बजाय इलेक्ट्रॉल घोल, नींबू पानी या शिकंजी बनाकर दें.
- पेरेंट्स बच्चों को छतरी देकर भेजें ताकि बच्चे स्कूल से आते हुए खुद को धूप से बचा पाएं.
- दोपहर की पाली वाले स्कूलों में बच्चों को सनस्क्रीन लगाकर भेजें. ताकि बच्चे की त्वचा सनबर्न से बच सके.
- टीचर्स भी ध्यान रखें कि बच्चों को डिहाइड्रेशन ना हो. बच्चे समय-समय पर पानी पीते रहें और टाइम पर लंच करें.
- टीचर्स ध्यान रखें कि बच्चे बाहर की चीजें या जंकफूड ना खाएं. साथ ही स्कूल के आसपास कोई फूड कॉर्नर ना हो.
- टीचर्स बच्चों को गर्मी में ना खड़ा करें ना ही कोई ऐसी सजा दें जिससे बच्चे को आउटडोर रहना पड़े.
- टीचर्स ध्यान रखें कि हर क्लासरूम में वातानुकुलित हवा की पूरी सुविधा हो.
- स्कू्ल प्रबंधन इस बात का खास ख्याल रखें कि स्कूल में पीने का पानी साफी-सुथरा हो.
- इसके अलावा कोशिश करें कि बच्चा कम से कम सन के एक्सपोजर में आए या फिर हीट में बाहर आए.