दिन में कई बार नाखून देखते हैं... आज इनमें ये चीज देखना, जो बताता है कि कहीं कैंसर की शुरुआत तो नहीं!
नाखून के रंग और बनावट आपकी सेहत के बारे में कई राज उजागर करती है. आइए जानते हैं कैंसर होने पर नाखून के रंग कैसे हो जाते हैं?
नाखून के रंग और बनावट आपकी सेहत के बारे में कई राज उजागर करती है. नाखून के बदलते रंग आपके शरीर में होने वाली बीमारियों के कई राज उजागर करती है. अगर आप रोजाना अपना नाखून चेक करते हैं तो आप कई तरह की गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. आइए जानते है नाखून से जुड़े इन लक्षणों के बारे में:-
टूटे नाखून
ब्रिटल नेल्स यानी नाखूनों का बार-बार टूटना भी कमजोरी की निशानी है. नाखून की ये स्थिति बताती है कि आपके शरीर में जरूरी न्यूट्रिशयन की कमी है. जब नाखून टेढे-मेढ़े ढंग से टूटते हैं तो इसे ओनिकोस्चिजिया कहते हैं.
फीके नाखून
नाखून का रंग अगर फीका पड़ने लगता है. 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के नाखून फीके पड़ने लगते हैं. कुछ मामलों में फीके नाखून किसी न किसी बीमारी के गंभीर संकेत है. जैसे- शरीर में ब्लड की कमी, कुपोषण, लिवर की बीमारी या हार्ट अटैक. अगर नाखून का रंग धीरे-धीरे हल्का होने लगता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए.
सफेद नाखून
कई बार चोट लगने से नाखून सफेद हो जाते हैं. लेकिन बिना चोट लगे आपके नाखून सफेद हो रहे हैं तो इसका मतलब आपके शरीर में किसी तरह की दिक्कत है. सफेद नाखून के ऊपर पिंक लाइन को टेरीज नेल्स कहते हैं. इस तरह के नाखून लिवर से जुड़ी बीमारी के संकेत देते हैं. जैसे- क्रोनिक किडनी डिजीज और कंजेस्टिव हार्ट फेलियर जैसी बीमारियों के संकेत देते हैं.
पीले नाखून
पीले नाखून फंगल इंफेक्शन के संकेत होते हैं. साथ ही यह नाखून सोरायसिस, थायराइड और डायबिटीज के संकेत होते हैं. पीले नेल सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी के संकेत भी हो सकते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं पीले नाखून फफड़ों की बीमारी के संकेत भी हो सकते हैं. साथ ही इसकी वजह से हाथ-पैरों में सूजन भी हो सकती है. हालांकि विटामिन E की मदद से इन बीमारियों को दूर किया जा सकता है.
नीले नाखून
नाखून नीले पड़ने के कई कारण हो सकते हैं. इसे ब्लू पिगमेंटेंशन नेल्स भी कहा जा सकता है.यह अक्सर चांदी के ज्यादा संपर्क में रहने के कारण हो सकता है. मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल कि जाने वाली दवाएं, हार्ट बिट कंट्रोल करने वाली दवाएं और लिवर की दवाएं ब्लू पिगमेंटेशन का कारण बन सकती है. एचआईवी के मरीजों के भी नाखून नीले पड़ने लगते हैं.
नाखून के गड्ढ़े बनना
नाखूनों पर छोटे-छोटे गड्ढे या धंसने से कारण सोरायसिस की बीमारी हो सकती है. ज्यातर ये डर्मेटाइटिस के मरीजो के नाखूनों पर दिखाई देते हैं. ये स्किन से जुड़ी बीमारी के संकेत हैं. जिसमें स्किन पर चकत्ते, तेज खुजली, जलन और सूजन होती है.
नाखून के नीचे गहरे रंग की रेखाएं
नाखून के नीच भूरे और काले रंग की रेखाएं के कई कारण हो सकते हैं. ये स्किन कैंसर के कारण भी हो सकती है. ऐसे कोई भी लक्षण आपके नाखूनों पर दिखें तो इसकी सबसे पहले बायोप्सी करवाएं. नाखून से जुड़ें इन लक्षणों के कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं. जिसका इलाज वक्त रहते ही करवाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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