सोना,चांदी, तांबा, कांसा... किस बर्तन में क्या खाएं कि शरीर में अमृत जैसा करेगा काम, यह रहा इसका जवाब
सोना, चांदी, स्टील, मिट्टी... किस प्रकार के बर्तन में खाना खाने से सेहत और स्वभाव पर पड़ता है असर. ये रहा इसका जवाब.
आयुर्वेद में खाना को लेकर एक बहुत अच्छी बात कही गई है. आयुर्वेद के मुताबिक हम जिस पात्र में खाना खाते हैं उसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. जिसकी जैसी हैसियत वह उस हिसाब से खाना खाने के लिए बर्तन का यूज करते हैं. लेकिन आज हम आपको इससे होने वाले फायदे के बारे में बताएंगे. आज इश पर बात करेंगे क किस तरह के बर्तन में खाना खाने से उसका असर सेहत और स्वभाव पर पड़ता है.
सोना
आयुर्वेद के मुताबिक सोना एक गर्म धातु है. इसमें पका खाना और सोने की बनी थाली में खाना खाने से इंसान शारीरिक और आंतरिक दोनों तरह से स्ट्रॉन्ग, बलवान, कठोर और मजबूत बनता है. यह आंखों के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है. साथ ही यह आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है.
चांदी
सोने से उलट, चांदी एक ठंडी धातु है. चांदी से बने बर्तन में खाना पकाने और खाने से शरीर को काफी ठंडक पहुंचती है. शरीर को काफी शांति मिलती है सिर्फ इतना ही नहीं चांदी के बने बर्तन में खाना बनाने और खाना खाने से दिमाग बहुत तेज होता है. आंखों के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद है. इसके अलावा गैस, एसिडिटी, कफ को कंट्रोल करता है.
कांसा
जब भी आप कांसे के बर्तन में खाना बनाते हैं या खाते हैं तो इसका फायदा आपको शरीर पर दिखाई देगा. कांसे के बर्तन में खाना खाने से दिमाग तेज होता है और खून साफ होता है. एसिडिटी की दिक्कत नहीं होती है और भूख भी बढ़ती है. लेकिन कांसे के बर्तन में खाने से पहले एक चीज का ध्यान रखें कि इसमें खट्टी चीजें परोसने से वह जहर बन जाता है. जिसे खाने के बाद वह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
तांबा
आपने यह बात डॉक्टर से लेकर बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि तांबे के बर्तन में रखें पानी पीने से आप रोग मुक्त रहेंगे. साथ ही यह भी कहा जाता है. तांबे के बर्तन में रखे पानी पीने से खून साफ होता है, दिमाग तेज होता है साथ ही लिवर से संबंधित बीमारी दूर रहती है. तांबे का पानी आपके शरीर से टॉक्सिक को बाहर निकालने का काम करता है. यह आपके वजन को भी कंट्रोल रखता है. सिर्फ पानी पीने से ही नहीं तांबे के बर्तन में खाना खाने से भी पेट और दिमाग को काफी फायदा पहुंचता है. लेकिन तांबे में बर्तन में पानी या खाना खाने से पहले एक चीज का ध्यान जरूर रखें कि इस तरह के बर्तन में कभी भी दूध न पिएं. आयुर्वेद के मुताबिक तांबे के बर्तन में रखा दूध आपके शरीर में जहर कर देगा.
पीतल
पीतल के बर्तन में बने खाना पकाने और खाने से कफ, एसिडिटी और पेट से जुड़ी बीमारी नहीं होती है. पीतल के बर्तन में खाना बनाने से सिर्फ 7 प्रतिशत पोषक तत्व ही नष्ट होते हैं.
लोहा
लोहा यानि आयरन के बर्तन में खाना बनाने से खाने के जरिए शरीर को ढेर सारा आयरन मिलता है. जो आपके शरीर को पूरे दिन एनर्जेटिक रखता है. लोहे के बर्तन में खाना खाने से शरीर को ताकत मिलता है. साथ ही यह शरीर से कई बीमारियों को खत्म करता है. यह शरीर में सूजन, पीलापन नहीं आने देता और कामला रोग को खत्म करता है. जॉन्डिस जैसी बीमारी को हमेशा दूर रखता है. लेकिन एक चीज का जरूर ध्यान रखें वह यह कि लोहे के बर्तन में खाना न खाएं, इससे बुद्धि कम होती है और दिमाग का ना होता है. लोहे के बर्तन में दूध पीने से फायदा पहुंचता है.
स्टील
स्टील के बर्तन अमूमन सभी घरों में मिल जाते हैं. मार्केट में ज्यादा बिकने वाले बर्तन में स्टील के बर्तन है.आपने सुना होगा कि स्टील के बर्तन में खाना खाने के कई तरह के नुकसान है? लेकिन यह बिल्कुल सच नहीं है. बल्कि स्टील में खाना बनाने और खाना खाने से न तो फायदा पहुंचता है और न ही नुकसान पहुंचता है.
एल्यूमिनियम
बर्तनों में सबसे ज्यादा एल्यूमिनियम के बर्तन को लेकर कई तरह की बातें फैली हुई है. एल्यूमिनियम बॉक्साइट का बना होता है. इसमें खाने से शरीर को सिर्फ नुकसान ही पहुंचता है. आयुर्वेद के मुताबिक एल्यूमिनियम शरीर से आयरन और कैल्शियम को सोखता है. इसलिए इसमें खाना न पकाना चाहिए और न खाना चाहिए.
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