इस तरह खाया शहद तो बन जाएगा धीमा जहर, जानिए कब होता है शहद खाने का सही समय
Honey: दुनिया में सिर्फ दो ही फूड्स को कंप्लीट फूड का खिताब मिला हुआ है और शहद इनमें से एक है. यह बात अपने आपमें काफी है, शहद के गुणों और महत्व को समझने के लिए. अब जानें, इसे कब नहीं खाना चाहिए...
Side Effects Of Honey: शहद के खाने के फायदों के बारे में हम आपको अक्सर बताते रहते हैं. ज्यादातर लोग इस बात को जानते हैं खासतौर पर हमारे रीडर्स कि शहद हमारी संपूर्ण सेहत के लिए बहुत यूजफुल है. जैसे कि हमारी मसल्स से लेकर हमारे बालों, स्किन, नाखून और आंखों की हेल्थ को बनाए रखने में भी शहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शहद के गुणों के कारण ही इसे इतनी वैल्यू दी जाती हैकि नवजात बच्चे को भी भोजन के पहले स्वाद के रूप में शहद टेस्ट कराया जाता है.
खैर, शहद के स्वाद, गुण और इसके फायदों के बारे में आज हम बात नहीं कर रहे हैं. आज बात होगी शहद खाने के साइड इफेक्ट्स की. लेकिन इससे पहले आप इतना जान लीजिए कि शहद खाने से शरीर पर कोई भी साइड इफेक्ट सिर्फ तब होता है, जब आप इसे गलत विधि से या विरोधी गुण वाली चीजों के साथ मिलाकर खाते हैं.
क्या शहद नुकसान देता है?
शहद खाते समय ये गलतियां ना करें, आपको किन चीजों के साथ शहद नहीं खाना चाहिए इस बारे में यहां बताया गया है...
- शहद को कभी भी गर्म पानी या गर्म फूड्स में मिलाकर नहीं खाना चाहिए.
- शहद को कभी भी मसालेदार भोजन के साथ मिलाकर या साथ में यूज नहीं करना चाहिए.
- घी और शहद दोनों विरोधी प्रकृति के फूड्स हैं. हालांकि दोनों ही शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं और अपने आपमें सुपरफूड्स हैं. लेकिन इन्हें साथ में खाना वर्जित है.
- शहद को कभी भी एल्कोहॉल या फर्मेंटेड ड्रिंक्स के साथ सेवन नहीं करना चाहिए. यानी शहद से बनी किसी भी ऐसी चीज का सेवन ड्रिंक्स के साथ ना करें.
- सरसों के साथ भी शहद का सेवन करने की मनाही है. इसलिए सरसों का साग, काली सरसों, पीली सरसों, सरसों के तेल में बनी चीजों के साथ शहद का सेवन ना करें.
- यदि आप घंटों से बहुत अधिक तापमान में काम कर रहे हैं, तेज धूप में काफी देर से बैठे हैं, इन स्थितियों में आपको शहद का सेवन नहीं करना चाहिए.
शहद को गर्म क्यों नहीं करते?
शहद को जब गर्म किया जाता है तो इसके सारे पोषक तत्व यानी न्यूट्रिऐंट्स खत्म हो जाते हैं और आपके सामने शहद के रूप में टॉक्सिन्स से भरा एक ऐसा पदार्थ बचता है, जो पाचनतंत्र के लिए जहर की तरह होता है. अब से करीब 500 साल पहले ऋषि चरक ने आयुर्वेद में लिखा है कि शहद को गर्म करने से सिर्फ अमा बचती है. आयुर्वेद में टॉक्सिन्स को अमा कहा जाता है. यानी ऐसे पदार्थ जो शरीर के अंदर डायजेस्ट नहीं होते. ऋषि चरक के अनुसार ये अमा ही इंसान की ज्यादातर बीमारियों का कारण होते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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