बच्चों के पेट में कीड़ा होना एक आम समस्या है. लेकिन यह समस्या सेहत पर बहुत बुरा असर डालता है. इससे बच्चे का स्वास्थ्य काफी ज्यादा प्रभावित होता है. पेट में होने वाले कीड़े के कारण पेट में दर्द के साथ-साथ और भी दूसरी तकलीफ शुरू होती है. जिसे नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल है.
बच्चे के पेट में जो कीड़े होते हैं अगर उसका इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो इससे बच्चे का विकास रूक जाता है. 1-10 साल के बच्चे में कीड़ा होने की समस्या बेहद आम है. लेकिन इस दौरान आपको अपने बच्चे को कीड़ा मारने की दवा जरूर देनी चाहिए. लेकिन कई बार बच्चे के माता-पिता गलत तरीके से दवा देते हैं जिसके कारण बच्चे के सेहत पर बुरा असर पड़ता है. आइए इस आर्किटल के जरिए जानें बच्चे को किस तरीके से और कितनी मात्रा में दवा देनी चाहिए.
बच्चों को पेट के कीड़े की दवा देने का तरीका
1-2 साल के बच्चों को 200gm डोज दें.
2 साल से बड़े बच्चों को आप 400gm तक की डोज दे सकते हैं.
बच्चों के पेट में कीड़ा मारने की दवा सिर्फ एक बार या अगर कोई दिक्कत है तो 2 बार दे सकते हैं.
हर 6 महीने पर बच्चे को एक डोज दे सकते हैं.
बच्चों के पेट में कीड़ा होने के लक्षण
खाना खाने के बाद भी वजन न बढ़ना
स्टूल पास करने वाली जगह पर खुजली होना
रात को सोने वक्त दिक्कत होना
बच्चों को आपने पेट के कीड़े की दवा दी है और उसके साइड इफेक्ट्स शरीर पर दिख रहे हैं तो ऐसे पहचानें
उल्टी होना
जी मिचलाना
पेट में दर्द और ऐंठन
दस्त की समस्या
चक्कर आना
सिर में दर्द होना
थकान और कमजोरी होना
भूख न लगना
बच्चों के पेट में होने वाले कीड़े को कैसे रोक सकते हैं?
बच्चों को खाने से पहले बाथरूम से आते वक्त हाथ को साफ करें वह भी साबुन या साफ पानी की मदद से.
बच्चों को मिट्टी खाने या गंदी चीजों को मुंह में डालने से रोकें. ताकि बैक्टीरिया उनकी पेट में न जाएं.
किसी भी बैक्टीरिया को मारने के लिए मांस, मछली और मुर्गे को अच्छे तरीके से पकाएं.
घर के बाहर बच्चों को नंगे पैर न चलने दें.
बच्चे को गंदे पानी से बचाएं. उन्हें साफ पानी दें. जब भी पानी दें तो उसे उबाल कर ही दें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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