Cleanest Air in World : सर्दियां बढ़ने के साथ ही देश में प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता जा रहा है.दिल्ली-एनसीआर की हवा में तो सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. राजधानी की एयर क्वालिटी इतनी खराब हो चुकी है कि कई तरह के बैन लगाने पड़े हैं. यह समस्या सिर्फ दिल्ली की नहीं है, दुनिया के कई ऐसे शहर हैं जहां की हवा जहरीली होती जा रहा है.


ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन-कौन से देश ऐसे हैं, जहां सबसे साफ हवा मिल रही है. क्या भारत भी इन देशों में आता है. इसे लेकर स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी IQAir (Swiss Air Quality Technology Company IQAir) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि दुनिया में सबसे शुद्ध हवा वाले देश कौन-कौन से हैं.




साफ हवा किसे कहते हैं




WHO के अनुसार, PM 2.5 का लेवल 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर या इससे कम होने का मतलब है कि हवा साफ है. PM 2.5 पार्टिकल्स इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों में जाकर ब्लड सर्कुलेशन के जरिए शरीर के कई हिस्सों तक पहुंच जाते हैं और गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं. इनकी वजह से हार्ट और लंग्स से जुड़ी बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, एंग्जाइटी और डिप्रेशन के साथ ही समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है.




सबसे साफ हवा वाले देश




स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी फर्म IQAir की 2023 की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में दनिया के सात देशों की हवा सबसे शुद्ध बताई गई. इनमें ऑस्ट्रेलिया (Australia), एस्टोनिया (Estonia), फिनलैंड (Finland), ग्रेनेडा, आइसलैंड (Iceland), मॉरीशस (Mauritius) और न्यूजीलैंड (New Zealand) शामिल हैं. इनमें औसत PM 2.5 का लेवल 5 µg/m³ या उससे कम है. इनके अलावा प्योर्टो रिको, बरमूडा और फ्रेंच पॉलिनेशिया में भी साफ हवा मिलती है.




भारत की हवा कैसी है




सबसे शुद्ध हवा वाले देशों में भारत का नाम नहीं है. हमारा देश दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों में तीसरे नंबर पर है. जहां का औसत पीएम 2.5 है. देश में बिहार का बेगूसराय घरेलू स्तर पर टॉप पर बना हुआ है. इसके बाद दिल्ली, मुंबई और कोलकाता का नंबर आता है. सर्दियां आते ही इन शहरों की हवा बिगड़ जाती है र सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है. इस लिस्ट में भारत से पहले बांग्लादेश है, जो दुनिया का सबसे प्रदूषत देश है, दूसरा नंबर पाकिस्तान का है. 




हवा की क्वालिटी सुधारने के लिए क्या किया जा रहा है




1. ज्यादातर देश रिन्यूबल एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं.




2. कोयले का इस्तेमाल कम करने की कोशिश.




3. कड़ी एमिशन पॉलिसी बनाना, ताकि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं कम हो सके और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा मिल सके.




4. पब्लिक ट्रांसफोर्ट का इस्तेमाल बढ़ाना




5. पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने जैसी पॉलिसी लाना



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 



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