क्यों कहा जाता है कि चीनी के बजाय गुड़ खाना चाहिए? ये फैक्ट जान आप भी आदत बदल देंगे
चीनी शरीर के लिए नुकसानदायक है यह बात किसी से छिपी नहीं है. कई हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि चीनी की जगह खाने में गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए.
चीनी शरीर के लिए नुकसानदायक है यह बात किसी से छिपी नहीं है. कई हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि चीनी की जगह खाने में गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन क्या सच में चीनी से ज्यादा हेल्दी गुड़ है. इस आर्टिकल के जरिए हम जानने कि कोशिश करेंगे चीनी या गुड़ दोनों में से ज्यादा हेल्दी कौन सा है? साथ ही साथ इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी जानेंगे. इन सब के अलावा यह भी जानेंगे कि दोनों में से अधिक किसे खा सकते हैं? दोनों में से किसे ज्यादा खाएंगे तो हेल्थ को नुकसान नहीं होगा. सेलिब्रिटी पोषण विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर ने बढ़ते हुए वजन में गुड़ और चीनी कितना योगदान कर सकती है इसे लेकर एक पोस्ट शेयर किया है.
चीनी के बदले गुड़ का इस्तेमाल क्या ठीक है?
चीनी के बदले गुड़ का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. गुड़ और चीनी का उपयोग मौसम और फूड कॉम्बिनेशन पर निर्भर करता है. सर्दियों में गुड़ और गर्मियों में चीनी खाने की अक्सर सलाह दी जाती है. गुड़ पोली, तिल चिक्की, गोंद के लड्डू और बाजरे की रोटियों के साथ गुड़ का उपयोग कर सकते हैं. वहीं शर्बत, चाय/कॉफी, श्रीखंड, शिकंजी के साथ चीनी का इस्तेमाल किया जाता है . गुड़ की जगह चीनी का इस्तेमाल न करें बल्कि समय और स्थिति के हिसाब से इन दोनों का इस्तेमाल करें.
चीनी और गुड़े के बनाने की प्रकिया एक जैसी ही है
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक चीनी और गुड़ दोनों का सोर्स गन्ने का रस है. केवल बनाने का तरीका अलग है. लेकिन गुड़ के फायदे चीनी से कहीं ज़्यादा हैं. कई हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक गुड़ पूरी तरह से नैचुरल है जबकि चीनी बनाने के दौरान ब्लीचिंग एजेंट और कई सारे कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. रिफाइंड चीनी तैयार करने के लिए कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन गुड़ ऐसे तैयार नहीं किया जाता है. गुड़ के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत अच्छा है क्योंकि इसमें आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम और सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है.
चीनी सिर्फ कैलोरी बढ़ाती है बल्कि गुड़ के फायदे अनेक हैं
रुजुता दिवेकर बताती हैं कि गुड़ धीरे-धीरे घुलता है जिसकी वजह से वह हमारे शुगर को बैलेंस करता है जबकि चीनी तेजी से घुल जाती है जिसकी वजह से शुगर- बीपी तेजी से हाई होती है. चीनी केवल कैलोरी बढ़ाती है जबकि गुड़ में आयरन, विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं. जो शरीर के स्वास्थ्य और इम्युनिटी के लिए एक बेहतर स्रोत बनाते हैं. आयुर्वेद के अनुसार गुड़ में एंटी-एलर्जी गुण होते हैं और यह अस्थमा, खांसी, सर्दी और छाती में जमे कफ संबंधी, सांस से संबंधि बीमारी को दूर करने में मददगार है.
आयुर्वेद के हिसाब से खाना खाने के बाद गुड़ का एक टुकड़ा खा लीजिए यह शरीर की सारी गंदगी को दूर कर देगा साथ ही यह पाचन क्रिया और खाना पचाने में सहायता करता है. लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि चीनी और गुड़ दोनों ही शरीर में कैलोरी बढ़ा सकते हैं. इन दोनों में से चुनना ही है तो गुड़ चुनें, क्योंकि गुड़ कैलोरी से भरपूर होने के बावजूद, इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ हैं जबकि चीनी के बहुत कम फायदे हैं.
चीनी आपके आंत में छेद कर सकती है
चीनी बीपी और शुगर को बहुत तेजी में बढ़ाती है. सिर्फ इतना ही नहीं ज्यादा चीनी खाने से लिवर भी डैमेज हो सकता है और आंत के परत में छेद हो सकती है. जिसकी वजह से व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो सकता है. भारतीयों में इसे लीकी गट कहा जाता है. हालांकि गुड़ में भी चीनी होती है, लेकिन इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन आदि जैसे अतिरिक्त पोषक तत्व होते हैं. लेकिन इसे भी सोच-समझकर खाने की जरूरत है. जो व्यक्ति लगातार वजन बढ़ने. हार्मोनल इंबैलेंस और हाशिमोटोस थायराइड जैसी ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रहे हैं तो उन्हें चीनी हो या गुड़ सोच समझकर ही इस्तेमाल करना चाहिए नहीं तो किसी भी खतरनाक बीमारी का शिकार हो सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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