(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mask for Kids: स्कूल खुलने के दौर में बच्चों के लिए कैसे करें सही मास्क का चयन, जानें
भारत में कोरोना की दूसरी लहर का असर कमजोर पड़ गया है.सभी राज्य क्रमानुसार स्कूल खोलने का भी फैसला लेने लगे हैं. स्कूल खुलने के बाद बच्चों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई है पर अब धीरे-धीरे इसका असर कमजोर पड़ गया है और लॉकडाउन के कारण बंद पड़ी सभी व्यवस्थाएं फिर से खुलने लगी है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य क्रमानुसार स्कूल खोलने का भी फैसला लेने लगे हैं. ऐसे वक्त पर स्कूल खुलने के बाद बच्चों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत भी है.
भारत में फिलहाल बच्चों के लिए कोविड-19 से लड़ने के लिए कोई उपयुक्त वैक्सीन भी नहीं है. ऐसे में हर अभिभावक की अपने बच्चे को सुरक्षित तरीके से स्कूल भेजना सबसे बड़ी जिम्मेवारी है. अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पहले सैनिटाइजर का प्रयोग करना और सोशल डिस्टेसिंग के बारे में बता रहे हैं. पर स्कूल खुलने के बाद सभी पैरेंट्स की सबसे बड़ी समस्या है अपने बच्चों के लिए मास्क. उन्हें यह अभी तक पता नहीं चल सका है कि उनके बच्चों के लिए कौन सा मास्क सही और सुरक्षित रहेगा जो उनके बच्चे को इस खतरनाक बीमारी से बचाकर रखेगा. आज हम आपको उस मास्क के बारे में बताएंगे जिसका इस्तेमाल आप अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कर सकते हैं.
N95/FFP2 मास्क
पूरे देश में खतरनाक दूसरी लहर के कम होने के बाद अब लॉकडाउन खुलने लगा है. ऐसे में बच्चों के स्कूल भी खुल रहे हैं. ऐसे वक्त पर जब भारत में बच्चों के लिए कोई भी कोविड वैक्सीन नहीं है, उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित स्कूल भेजना आसान काम नहीं है. बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए मास्क का योगदान काफी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए आप N95 /FFP2 मास्क का प्रयोग कर सकते हैं. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ इन मास्क को प्रभावी माना है. यह मास्क फिल्टेरेशन और रिसाव दोनों का काम करती है. यूरोप में इस मास्क के वजह से कोरोना की दूसरी लहर के स्पीड को कम करने में काफी बड़ा योगदान रहा.
यह मास्क 95 से 99 प्रतिशत तक प्रॉपर फिल्टरिंग करता है. यह कोरोना के इस प्रलंयकारी दौर में लोगों की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है, जो लोगों को कोरोना से एक हद तक सुरक्षा प्रदान करता है. यह कपड़े के बने आम मास्क की तुलना में काफी बेहतर माना जाता है. आपको बता दें यह मास्क सेल्फ सैनिटाइजिंग रेस्पिरेटर एक कार्बनिक एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग वाले मास्क होते हैं जो अपनी सतह पर SARS-CoV-2 वायरस को मारने में सक्षम होते हैं. इसलिए आप अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पहले यह मास्क पहना सकते हैं.
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