हमारा देश बीते कुछ सालों में डायबिटीज का हब बना हुआ है. भारत में डायबिटीज के मरीज सबसे ज्यादा हैं. जैसा कि आपको पता है कि डायबिटीज इतनी ज्यादा खतरनाक बीमारी है कि वह शरीर को धीरे-धीरे अंदर से खोखली कर देती है. इस बीमारी के कारण पैन्क्रियाज, हार्ट, किडनी, आंख और नर्वस सिस्टम पर बुरा असर डालती है. इम्युनिटी वीक होने के कारण कई तरह की बीमारियां में घुस जाती है. बिगड़ती हुई लाइफस्टाइल और खराब खानपान के साथ-साथ शुगर फ्री ड्रिंक्स और फूड प्रोडक्ट्स की भरमार होती है.
लो-कैलोरी फूड प्रोडक्ट्स
लो कैलोरी के चक्कर में लोग यह सारे फूड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा करते हैं. इसके कारण शरीर को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. डायबिटीज के साथ-साथ लोग कई सारी गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.
कई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि प्री-डायबिटीज की गिनती उतनी जितनी यह बॉर्डर लाइन क्रॉस कर चुकी है. इसके कारण 10 साल में डायबिटीज के मरीज दोगुने हो जाएंगे. ऐसी स्थिति में सही खानपान और फिटनेस को लेकर अलर्ट रहना बेहद जरूरी है. अगर आप डायबिटीज के मरीज है और शुगर लेवल कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो अपनी लाइफस्टाइल में इन योग को शामिल करें.
डायबिटीज की बीमारियों में इन योगासन से दूर रहना चाहिए
मंडूकासन
मंडूकासन डायबिटीज के मरीज के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. लेकिन अगर आपका काफी ज्यादा वजन बढ़ा हुआ तो आपको यह योगासन नहीं करना चाहिए. इसे फ्रॉग आसन भी कहा जाता है. इस आसन की खासियत यह है कि इसे करने से सिर्फ डायबिटीज ही कंट्रोल में नहीं बल्कि यह वजन भी कंट्रोल में रहता है.
शशकासन
शशकासन डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. लेकिन कोई आसान ऐसा मत कीजिए कि इससे शरीर पर दबाव पड़ता है. डायबिटीज की मरीज को फेफड़े की बीमारी न हो इसके लिए यह योगासन बेहद जरूरी होता है. इससे स्ट्रेस, तनाव और चिंता की समस्या दूर होती है. इसके कारण गुस्सा और चिड़चिड़ापन की समस्या होती है. यह आसन दिल के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
पश्चिमोत्तानासन
हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए पश्चिमोत्तानासन बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. पश्चिमोत्तानासन करने से शरीर एक्टिव रहता है. इससे पैंक्रियाज से इंसुलिन निकलने लगता है. और इसका शरीर पर असर होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.