जब दर्द हो तो गर्म सिकाई करें या ठंडी? जरूर पढ़ लें इनका अंतर वरना दिक्कत हो जाएगी डबल
चोट लगने या दर्द होने पर घर के बड़े बुजुर्ग ठंडी या गर्म सिकाई करने की सलाह देते हैं, लेकिन चोट औऱ किस दर्द के लिए कौन सी सिकाई जरूरी है, इसको लेकर लोगों में दुविधा बनी रहती है,इसको जानना जरूरी है.
Heat And Cold Therapy: अक्सर हम अपने घर में ठंडे और गर्म से दर्द या चोट पर सिकाई करने की बात सुनते चले आए हैं. ये एक सदियों से चली आ रही प्राचीन परंपरा है, जो सच में आराम पहुंचाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कब ठंडी सिकाई करनी चाहिए और कब गर्म सिकाई करनी चाहिए? अक्सर लोगों को कन्फ्यूजन रहता है. लोगों को जिस दर्द में ठंडी सिकाई करनी चाहिए उसमें गर्म कर देते हैं और जिस में गर्म करनी चाहिए उसमें ठंडी कर देते हैं, लेकिन आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम सारी कन्फ्यूजन दूर करने वाले हैं.
हिट थेरेपी: हिट थेरेपी पुराने दर्द, जोड़ों के दर्द और जकड़न में प्रयोग की जाती है, क्योंकि इससे दर्द में आराम मिलता है, लेकिन अक्सर लोग गलती करते हैं और गहरी चोटों के लिए भी हिट थेरेपी का प्रयोग करते हैं. लेकिन ऐसा करना गलत हो सकता है क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन की स्पीड बढ़ जाती है और इससे टिशू पर प्रभाव पड़ता है. ऐसे में दर्द ज्यादा भी बढ़ सकता है.
इन दिक्कतों में करे हिट थेरेपी
- स्ट्रेंस
- मोच
- पुराने ओस्टियो आर्थराइटिस, घुटने, कंधे, कोहनी के पुराने जकड़े हुए दर्द में
- टेंडन्स
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- गर्दन में दर्द
- पीरियड्स में दर्द
हिट थेरेपी कितने तरह की होती है?
ड्राय हिट: इसके इलेक्ट्रॉनिक हीटिंग पैड,गर्म पानी की बॉटल जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं. इन चीजों का प्रयोग आप 6 से 8 घंटे तक कर सकते हैं.
मॉइस्ट थेरेपी: इसमें गर्म गीला तौलिया, गर्म पानी से नहाने जैसा शामिल है.इससे दर्द में जल्दी आराम मिलता है और समय भी कम लगता है.
हॉट शॉवर: इस थेरेपी से निकलने वाले गर्म पानी के जरिए मरीज को नहलाकर दर्द को दूर किया जाता है
दर्द वाली जगह से कितनी देर करनी चाहिए हॉट बैग से सिकाई?
अगर तनाव और जकड़न कम है तो इसके लिए आप 15 से 20 मिनट की ही थेरेपी ले सकते हैं, लेकिन अगर बहुत ज्यादा दर्द है तो 30 से 45 मिनट तक हीट थेरेपी से आपको आराम मिल सकता है.
कोल्ड थेरेपी: इस थेरेपी का इस्तेमाल चोट वाले हिस्से पर ब्लड के बहाव को कम करने के लिए किया जाता है. इससे चोट वाले हिस्से में दर्द और सूजन में आराम मिलता है. ये शरीर के डैमेज देशों के जोखिम को भी कम करता है.हालांकि आर्थराइटिस में ठंडी और गर्म दोनों थेरेपी आप ले सकते हैं
कोल्ड थेरेपी कब लेनी चाहिए
- ताजा चोट
- मसल्स में खिंचाव
- मसल्स पेन
- मोच
- चोट
- माइग्रेन
- कीड़े के काटने पर
- आर्थराइटिस
कितने देर तक करनी चाहिए बर्फ से सिकाई
20 मिनट से ज्यादा बर्फ से सिकाई ना करें. क्योंकि इससे नर्व , त्वचा और टिशूज को नुकसान पहुंच सकता है. बेहतर रिजल्ट के लिए तौलिए में लपेटे हुए आइस पैक को थोड़ी-थोड़ी देर के लिए चोट वाली जगह पर दिन में कई बार लगाएं.
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