बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर इन दिनों एक बड़ी समस्या पूरी दुनिया के सामने आ गई है. दरअसल, दुनिया के अलग-अलग देशों में एक बार फिर पोलियो के केस सामने आ रहे हैं. पोलियो एक खतरनाक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जिससे बचने के लिए एक बच्चा के गर्भ में रहने से लेकर डिलीवरी होने तक फैमिली और मां को उसके खानपान और वैक्सीन का खास ख्याल रखना चाहिए. 


बच्चे के जन्म के बाद भी इसलिए खानपान और वैक्सीन का ख्याल रखा जाता है ताकि गंभीर बीमारी और जानलेवा से बचाई जा सके. मेघालय के टिकरीकिला में एक बच्चे को पोलियो होने की खबर सामने आई है. 14 अगस्त को मीडिया में यह खबर सामने आते ही हर तरफ इस बीमारी को चिंता बढ़ गई है. अप्रैल 2022 में कोलकाता में लिए गए वैक्सीन व्युत्पन्न पोलियोवायरस का मामला पाया गया था.


यह बीमारी कमजोर इम्युनिटी और फैमिली हिस्ट्री के कारण भी पोलिया हो सकता है. मेघालय की घटना से सरकार द्वारा मामले की पुष्टि करने के बाद भी, अभी भी इस बारे में कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है कि यह वैक्सीन-व्युत्पन्न है और जंगली पोलियोवायरस के कारण नहीं है.


पोलियो


साल 2015 में जंगली पोलियोवायरस (WPV) टाइप 2 और 2019 में WPV टाइप 3 के वैश्विक उन्मूलन के साथ और भारत में पर्यावरण के नमूनों में सालों से कोई WPV टाइप नहीं पाया गया है, यह अत्यधिक संभावना नहीं है कि यह WPV टाइप 1 के कारण हो जब तक कि इसे भारत में आयात न किया गया हो. 13 अगस्त तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने इस साल 14 WPV टाइप 1 मामलों की सूचना दी है. यदि यह वैक्सीन से निकला है, तो फिर से इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि यह iVDPV है या परिसंचारी वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस (cVDPV) है.


पोलियो क्या है?


पोलियो, एक तेजी से फैलने वाली संक्रामक वायरल बीमारी है, जिससे लकवा सहित गंभीर स्वास्थ्य संमस्याएं हो सकती हैं. अपने बच्चों को इस गंभीर रूप से दुर्बल करने वाली बीमारी से बचाने के लिए इसके कारणों, लक्षणों, इलाज के बारे में विस्तार से जानें. 


पोलियो के कारण


पोलियो वायरस अक्सर गंदा खाना और पानी के कारण होता है. वहीं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैलती है. गंदगी और कमजोर इम्युनिटी इस बीमारी को तेजी से फैलाती है. गाजा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र प्रकोप के दौरान विशेष रूप से असुरक्षित हो जाते हैं. वायरस उन स्थितियों में पनपता है जहां गंदा पानी और गंदगी ज्यादा है. इसके कारण यह तेजी से फैलता है.


पोलियो के लक्षण
पोलियो के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, कुछ व्यक्तियों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, जबकि दूसरे में इसके गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं. 
बुखार


थकान


सिरदर्द


मतली


गर्दन और पीठ में अकड़न


मांसपेशियों में दर्द
5 साल से कम उम्र वाले बच्चे में पोलियो के लक्षण दिखाई देते हैं. यह एक वक्त के काफी ज्यादा गंभीर हो सकते हैं. 


पोलियो का इलाज
एक बार संक्रमित होने के बाद पोलियो का कोई इलाज नहीं है. इसके लक्षण दिखते ही डॉक्टर से बिना समय गवाएं इलाज बेहद जरूरी है. गंभीर मामलों में अक्सर दर्द से राहत, फिजियोथेरेपी और श्वसन सहायता के लिए वेंटिलेटर के उपयोग सहित सहायक देखभाल की आवश्यकता होती है. 


बच्चों को पोलियो से बचाएं
अपने बच्चों को पोलियो से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका टीकाकरण है. कई खुराक में दी जाने वाली पोलियो वैक्सीन बीमारी को रोकने में काफी ज्यादा असरदार है. जिन क्षेत्रों में वायरस फैल रहा है, वहां यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि बच्चों को वैक्सीन की सभी खुराक कैसे मिले.


बचने का तरीका
बच्चे नियमित रूप से साबुन और साफ पानी से अपने हाथ धोएं, गंदा खाना और पानी से बचाएं.  सुरक्षा का ध्यान रखें. साफ-सफाई को लेकर बच्चे को जागरूक करें.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: Monkeypox: भारत में आया मंकीपॉक्स तो कितना होगा असर, जानें इसकी एंट्री पर कैसे लग सकती है रोक