तंबाकू छोड़ने की कोशिश कर रहे लाखों लोगों के लिए WHO ने जारी की नई गाइडलाइन, बताया क्या है इलाज
धूम्रपान के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है. इसे लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य को लेकर WHO ने खास गाइडलाइन शेयर किए हैं.
धूम्रपान या स्मोकिंग ऐसी आदत है कि यह आपकी सेहत को अंदर ही अंदर खोखला बना देती है. इसके कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है. इसी समस्या के समधान और धूम्रपान की लत इंसान के लिए शरीर के लिए कितनी ज्यादा खराब है इसे लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से WHO ने खास गाइडलाइन शेयर किए हैं.
संयुक्त राष्ट्र (UN) के 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' ने (WHO) ने मंगलवार को तम्बाकू की लत छोड़ने की इच्छा रखने वालों के लिए पहली बार गाइडलाइन जारी किए हैं. जिसमें कई तरह की पहल को लेकर बात कही गई है. इस पूरे मिशन को मैसेज और डिजिटल हस्तक्षेप के जरिए एक-दूसरे को जागरूक करने की बात रखी गई है.
पूरी दुनिया में इतने प्रतिशत लोग करते हैं धूम्रपान
इन सिफारिशों से 750 मिलियन से अधिक नौजवान लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है जो सिगरेट, वाटरपाइप, धुआं रहित तम्बाकू उत्पाद, सिगार, रोल-योर-ओन तम्बाकू और गर्म तम्बाकू उत्पादों सहित सभी प्रकार के तम्बाकू को छोड़ना चाहते हैं.
WHO के महानिदेशक ने क्या कहा?
WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, यह दिशा-निर्देश इन खतरनाक उत्पादों के खिलाफ हमारी वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा, दुनिया के ज्यादातर देश ऐसे हैं जिनके नौजवानों में धूम्रपान की लत एक खतरनाक रूप ले चुकी है. यह ऐसा मिशन है जो लोगों को तंबाकू छोड़ने में मदद करेगा. दरअसल, यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि खराब लाइफस्टाइल, नौजवानों के बीच धूम्रपान की लत के कारण उससे संबंधित बीमारियों का बोझ पूरी दुनिया में बढ़ता जा रहा है. इसलिए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है.
तंबाकू के छोड़ने के दौरान क्या-क्या चुनौतियां आती है?
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया में 750 मिलियन लोग ऐसे हैं जो धूम्रपान और तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं. इसमें से दुनिया के 1.25 बिलियन तम्बाकू का इस्तेमाल करने वाले लोगों में से 60 प्रतिशत लोग धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं. लेकिन संसाधनों की कमी, स्वास्थ्य के लिए चुनौती के कारण उन तक सही सेवा नहीं पहुंच पाती है. रिजल्ट यह होता है वह इन गंदी आदतों को छोड़ने में असफल हो जाते हैं. WHO में स्वास्थ्य संवर्धन के निदेशक रुडिगर क्रेच ने इस बात पर जोर दिया कि धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करते समय लोगों को जिन संघर्षों का सामना करना पड़ता है. उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए.
निदेशक रुडिगर क्रेच ने कहा कि हमें इस लत से उबरने के लिए आवश्यक ताकत और व्यक्तियों और उनके प्रियजनों द्वारा सहन की जाने वाली पीड़ा की गहराई से सराहना करने की जरूरत है. ये दिशा-निर्देश ऐसे हैं जो उन लोगों की सहायता करता है जो इस मुश्किल से निकलना चाहते हैं.
WHO के द्वारा जारी किए गए गाइडलाइन
डब्ल्यूएचओ ने फार्माकोथेरेपी और व्यवहारिक हस्तक्षेपों का एक संयोजन निर्धारित किया है जिसके जरिए धूम्रपान और सिगरेट की लत छोड़ने में मदद मिलती है.
धूम्रपान छोड़ने के लिए जो इलाज किया जाएगा और इसमें जितना खर्चा आएगा इसे कम लागत पर लोगों को मुहैया कराने की बात कही गई है. ताकि निम्न और मध्य देश के लोगों तक भी सही सेवा पहुंच सके.
इलाज के दौरान वैरेनिकलाइन, निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एनआरटी), बुप्रोपियन और साइटिसिन जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा.
डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सुझाव की व्यवस्था की है. ताकि जब भी कोई मरीज आए तो उन्हें 30 सेकंड से तीन मिनट वहां रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ता उनसे बात करें.
इसके अलावा WHO ने कहा टेक्स्ट मैसेजिंग, स्मार्टफोन ऐप और इंटरनेट प्रोग्राम जैसे डिजिटल चीजों का इस्तेमाल करते हुए इस मिशन को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा.
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