Air Pollution के कारण हर साल 70 लाख लोगों की जान जाने का खतरा, WHO की रिपोर्ट से खुलासा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार पूरी दुनिया की लगभग 90% आबादी और साउथ एशिया की पूरी आबादी प्रदूषित वातावरण में रहने को मजबूर है. इसके साथ ही मौत का सबसे बड़ा कारण है PM 2.5 Particle है. यह 80% मौत कारण है.
Air Pollution kills 70 lakh people per year: पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य सगठंन (World Health Organization) ने बुधवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) के नकारात्मक प्रभाव पर अपनी संशोधित वायु गुणवत्ता पर अपने नए दिशा-निर्देश जारी किए है. आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य सगठंन नें 15 साल बाद अपने दिशा-निर्देशों में कुछ बड़े बदलाव किए है.
आपको बता दें कि अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में यह साल के सबसे बड़े और प्रमुख विषयों में से एक है. आपको बता दें कि भारत में अभी साल 2009 में दिए गए दिशा-निर्देशों पर काम चल रहा है जिससे अगले साल तक बदले जाने का लक्ष्य सरकार द्वारा रखा गया है. विश्व स्वास्थ्य सगठंन की रिपोर्ट के अनुसार हर साल करीब 7 लाख लोगों वायु प्रदूषण के कारण होने वाली परेशानियों से अपनी जान गंवाते है.
विश्व स्वास्थ्य सगठंन के अनुसार दुनिया के बड़े हिस्से में वायु प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिल रहा है जिसके कारण लोग प्रदूषित दवा में रहने को मजबूर हो रहे हैं. डब्ल्यूएचओ यूरोप कार्यक्रम प्रबंधक डोरोटा जारोसिंस्का ने कहा कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) के संपर्क में आने से 70 लाख लोगों की मृत्यु होने और हर साल लाखों लोगों के स्वास्थ्य के प्रभावित होने की संभावना है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार पूरी दुनिया की लगभग 90% आबादी और साउथ एशिया की पूरी आबादी प्रदूषित वातावरण में रहने को मजबूर है. इसके साथ ही मौत का सबसे बड़ा कारण है PM 2.5 Particle है. यह 80% मौत कारण है. इस particle के कारण सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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