WHO (World Health Organisation) ने साफ कहा है कि शुद्ध पानी में जरूरी खनिज पदार्थ एकदम से खत्म हो जाते हैं. जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं. जिसके कारण कह सकते हैं कि 100 प्रतिशत की शुद्धता का दावा करने वाली पानी सेहत के लिए खतरनाक है. आइए इसे विस्तार से जानें कैसे?


साफ पानी हेल्थ के लिए कैसे खतरनाक है?


वहीं यह बात भी साफ है कि हेल्दी लाइफ चाहिए तो आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी होगी. इसी बात को ध्यान में रखकर ज्यादातर घरों में साफ प्योर पानी या आरओ के पानी का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि गंदे पानी के कारण कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन जब आप साफ पानी को लेकर ऐसी कुछ बातें सामने आती हैं तो एक  पल के लिए हैरानी तो होगी ही. साथ आपको अपनी हेल्थ खतरे में दिखाई देगी. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक साइंटिस्टों का मानना है कि साफ-प्योर पानी हमारी हेल्थ को नुकसान पहुंचा रही है. 


क्यों खतरनाक है आरओ वाटर या साफ पानी वाले बोतल


रिसर्चर का मानना है कि अगर आपके घर में रओ का इस्तेमाल हो रहा है तो उसमें 200 से 250 मिलीग्राम प्रति लीटर की दर से घुले हुए ठोस पदार्थ होने चाहिए. ऐसा इसलिए ताकि पानी के जरिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और मैग्नीशियम सहित दूसरे खनिज पदार्थ मिल सकें. RO के पानी को लेकर CSIR)- राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान और (NEERI) ने एक वेबिनार भी किया था. ओवर फिल्टर पानी के सा दिक्कत यह  है कि वह पानी की गंदगी को साफ करने के चक्कर में उसमें जो जरूरी तत्व होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद है उसे भी हटा देती है. 


शुद्ध पानी को लेकर WHO की चेतावनी


'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' ने RO या शुद्ध पानी के इस्तेमाल को लेकर खास चेतावनी दी है. साल 2019 में  डब्ल्यूएचओ ने कहा कि RO मशीनें पानी को साफ करने के लिए बहुत अच्छा है लेकिन वह पानी में पाई जानी वाली जरूरी तत्व कैल्शियम और मैग्नीशियम को पूरी तरह से हटा देती है. जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है. इसलिए ज्यादा RO का पानी पीना शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. 


TDS के जरिए शुद्ध पानी की पहचान ऐसे करें


TDS लेवल- पानी पीने लायक है या नहीं इसकी पहचान के लिए TDS का इस्तेमाल किया जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक अगर पानी का TDS लेवल 100 से 250 पार्ट्स प्रति मिलियन है तो पानी पीने लायक है लेकिन इससे कम या ज्यादा है तो फिर पीने लायक नहीं है. 


TDS चेक करने वाली मशीन बाजार में आसानी से मिल जाती है. इसे पानी में 1 मिनट तक डालकर देखें आपको खुद सच्चाई पता चल जाएगा और आप जो पानी पी रहे हैं वह शुद्धता की परीक्षा में पास या फेल होता है इसका पता भी चल जाएगा. 


पीएच लेवल 


पानी की पीएच लेवल भी बताता है कि पानी पीने लायक है या नहीं. पीने वाली पानी में पीएच लेवल 7-8 के बीच होनी चाहिए. टीडीएस जैसी मशीन होती है पीएच के लिए भी उससे पीएच लेवल भी चेक कर सकते हैं. 


ओआरपी लेवल


पानी में ऑक्सीजन की मात्रा यानी ऑक्सीडेशन रिडक्शन पोटेंशियल कितनी है इससे भी पानी की शुद्धता का पता चल जाता है. पानी में ओआरपी लेवल 400 एमवी है तो पानी एकदम साफ है. इसे भी ओआरपी डिवाइस से पता किया जा सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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