Measles Threat: वैश्विक महामारी कोरोना का प्रकोप देश में कुछ कम हुआ ही था कि अब खसरा की बीमारी तेजी से फैल रही है. ये बीमारी नवजात बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है और कई तो इसके चलते अपनी जान गवां चुके हैं. जो नन्ही आंखें इस दुनिया को देखने के काबिल बन रही थीं, वह पहले ही लापरवाही के चलते बंद हो गईं. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन और अमेरिकी सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि अब विश्व स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में खसरे के फैलने की आशंका है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोविड-19 के कारण खसरा टीकाकरण कवरेज में लगातार गिरावट आई और इसके चलते करोड़ों नवजात बच्चों की जान पर बात बन आई है.


रिपोर्ट में ये बात सामने आई कि साल 2021 में दुनिया भर में लगभग 4 करोड बच्चें खसरा के टीके की खुराक से चूक गए. दरअसल, सरकारी व्यवस्थाएं कोरोना के टीकाकरण की तरफ जोर लगाए हुए थीं, जिसके चलते बच्चों का महत्वपूर्ण टीकाकरण रह गया. डरावने आंकड़े तो ये हैं कि साल 2021 में दुनियाभर में खसरे के अनुमानित 90 लाख नए मामले सामने आए और 1,28,000 मौतें हुईं. हैरानी की बात ये है कि 95% से अधिक मौतें विकासशील देशों जैसे अफ्रीका और एशिया में हुईं. दुनिया भर के करीब 22 देशों ने इस भयंकर बीमारी का प्रकोप झेला. कोविड-19 और खसरे के टीके में लापरवाही की वजह से अब ये बीमारी दुनिया भर के लिए खतरा बनी हुई है.


 क्या है इलाज


खसरे की बीमारी को टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है. वैसे इसका कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, लेकिन इसके खिलाफ दो खुराक वाला टीका गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में लगभग 97% कारगर है. इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को दो खुराक टीके की अलग-अलग अवधि पर लगाई जाती है जिसके बाद इसका खतरा कम हो जाता है.


भारत में क्या है स्थिति


देशभर में खसरे से संक्रमित मरीजों की बात करें तो ये 233 हैं और मरने वालों की संख्या 12 हो गई है. बीएमसी के अनुसार, मुंबई में खसरे के 13 नए मामले सामने आए जिसमें से एक मरीज की मौत हो गई है. लगातार ये बीमारी भारत में भी पैर पसार रही है. यदि समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया तो कोरूना जैसे हालात देशभर में देखने को मिल सकते है.


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