नॉर्थ इंडिया में गर्मी से लोगों का हाल बुरा है. लेकिन इस गर्मी से लोगों की किडनी का हाल काफी ज्यादा बुरा हो रहा है. खासकर गरीब तपके के लोग जो मजदूरी कर रहे हैं वह डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं. इस बीमारी में ज्यादातर मजदूर लोग हैं जो इस भीषण गर्मी के बीच सारा दिन सड़क पर काम करते हैं और अपना पेट पालते हैं. हाल ही में हुए रिसर्च में खुलासा किया गया है कि गर्मी के दिनों में किडनी में पथरी होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए कुछ खास सावधानियों का पालन करना है जरूरी. 


डिहाइड्रेसन का शिकार


किडनी में एक बार प्रॉब्लम शुरू हो जाए तो यह बार-बार दिक्कत पैदा करती है. यह हमारे शरीर का बेहद अहम हिस्सा है. जो पूरे शरीर की गंदगी को साफ करता है. जून-जुलाई का महीना हमारी किडनी के हिसाब से ठीक नहीं होता है. शरीर में पानी की कमी होने के कारण किडनी में धीरे-धीरे पथरी जमने लगती है. 


यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दो महीनों में पथरी के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ी है. यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन और किडनी फेलियर के मरीज की संख्या बढ़े हैं. बढ़ते हुए टेंपरेचर के कारण बुजुर्ग में प्रोस्टेट कैंसर की संख्या भी बढ़ी है. इसलिए डॉक्टर ने खूब पानी पीने की सलाह दी है. बीते दो महीनों से पथरी के मरीजों की संख्या तीस फीसदी बढ़ी है. 


किडनी से होने वाली परेशानियां


तापमान बढ़ने के कारण शरीर से काफी ज्यादा पसीना निकलता है. हमारे शरीर से काफी ज्यादा पसीना निकलने लगता है. शरीर में 60 फिसदी पानी होता है. जब कोशिका में 30 फीसदी पानी कम होने लगते हैं तो डिहाइड्रेशन कि शिकायत हो जाती है. 


टॉयलेट में इंफेक्शन


गर्मी के कारण टॉयलेट में इंफेक्शन होने लगता है जिसमें ऑक्सजलेट, फॉस्फेट, यूरेट, यूरिक एसिड और अमीनो एसिड के छोटे-छोटे कण किडनी में जमा होने लगते हैं. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को यूरीनरी इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. 


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