Gym Workout: जिम में वर्कआउट करने के दौरान क्यों पड़ रहा हैं दिल का दौरा? कार्डियोलॉजिस्ट से जानिए
Gym Exercise: जिम में वर्कआउट करते वक्त सीधा असर दिल पर किस तरह पड़ता है. इस बारे में सिंबायोसिस अस्पताल के डायरेक्टर और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अंकुर फटरपेकर ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की.
Workout in Gym: अभिनेता (Actor) सिद्धांत वीर सूर्यवंशी (Siddhant Veer Suryavanshi) का शुक्रवार (10 नवंबर) को 46 साल की उम्र में जिम (Gym) में वर्कआउट (Workout) के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. पिछले साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला , कोमेडियन राजू श्रीवास्तव, ऐक्टर दीपेश भान की भी मौत वर्कआउट करते वक्त दिल का दौरा (Heart Attack) आने की वजह से हुई, तो क्या अब जिम हो चुकी है जानलेवा? क्या जिम में सख्त ट्रेनिंग होती है? जिम के दौरान दिए जाने वाले सप्लिमेंट क्या जानलेवा? जिम में वर्कआउट (Workout in Gym) करने के दौरान क्यों पड़ रहा हैं दिल का दौरा? इस रिपोर्ट में जानेंगे सबकुछ कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अंकुर फटरपेकर से.
दरअसल, दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच जिम में वर्कआउट के दौरान भी अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिम में वर्कआउट करते वक्त सीधा असर दिल पर किस तरह पड़ता है. इस बारे में सिंबायोसिस अस्पताल के डायरेक्टर और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अंकुर फटरपेकर ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की.
डॉक्टर अंकुर ने बताया के आकस्मत दिल का दौरा पड़ने का मुख्य कारण है अधिक वर्कआउट करना या फिर रूटीन में ना रह कर अचानक से अधिक व्यायाम करना. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने शरीर का चेक अप कुछ महीनों के अंतराल में बार-बार करना चाहिए. लोगों के सेहत पर सप्लीमेंट्स भी बुरा असर करती हैं. डॉक्टर ने कहा, "कई लोग इसकी जांच किए बिना अधिक मात्रा में सप्लीमेंट ले लेते हैं. 90 प्रतिशत लोगों को लगता है के उन्हे एसिडिटी के कारण सीने में दर्द होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. कोलस्टोरल लेवल अधिक हो सकता है, इसीलिए हेल्थ का चेक अप करना बेहद जरूरी है. वहीं, जिम इंडस्ट्री में भी ट्रेनर्स के पास सर्टिफिकेट होना जरूरी है. लोगों के अच्छे स्वास्थ की जिम्मेदारी उनकी हैं."
जिम जाने वालों को डॉक्टर अंकुर की सलाह
डॉक्टर अंकुर ने कहा कि हर जिम जाने वाले व्यक्ति को एक डाइट का चार्ट फॉलो करना अनिवार्य होता है. उनका स्वास्थ्य बनाने के पीछे डाइट ही मुख्य कारण होता हैं. संजय चवाण जो की एक कंसल्टेंट है,और जिम जाने वाले लोगों को डाइट की सलाह देते हैं. उन्होंने बताया कि जिम में बॉडी नहीं बनती हैं, बॉडी डाइट से बनती है. हमारी सलाह होती है के खाना हर दो घंटों में थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए और ना ही एक वक्त में अधिक संख्या में खाना चाहिए. डॉक्टर ने आगे कहा कि सप्लीमेंट्स हमारे अनुसार लेना जरूरी है क्योंकि जिन लोगों को खाने से प्रोटीन कम मिलता है. उन्हें सप्लीमेंट्स से यह प्रोटीन मिल सकता हैं, लेकिन हर चीज एक सीमा में करनी चाहिए. अगर सीमा से अधिक की तो हानिकारक हो सकती है.
'हर कोई जिम ट्रेनिंग नहीं दे सकता हैं'
जिम में हार्ट अटैक आने की वजह से हो रही मौत पर जिम के मालिक और ट्रेनर विक्रांत देसाई ने एबीपी न्यूज को बताया के वर्कआउट हर किसी को करना चाहिए, लेकिन आज कल जो हो रहा है गलत हो रहा हैं. ये जिम्मेदारी हमारी है, हम एक डॉक्टर की तरह है लोगों का सेहत बनाने की जिम्मेदारी हमारी है, लेकिन हमारी ही इंडस्ट्री में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. विक्रांत ने बताया कि जिम की संख्या पूरे देश में अधिक हो चुकी है. हर कोई जिम को एक बिजनेस मान कर उसमे इन्वेस्ट कर रहा है, लेकिन इस चक्कर में वह सर्टिफिकेट ट्रेंनर नहीं रखते हैं और हर कोई जिम ट्रेनिंग नहीं दे सकता हैं. सर्टिफिकेट होना जरूरी हैं.
'स्टीरॉयड सप्लीमेंट पहले से हानिकारक'
उन्होंने कहा कि स्टीरॉयड सप्लीमेंट पहले से हानिकारक ही थे, लेकिन आज कल मार्केट में स्टीरॉयड और सप्लीमेंट के डुप्लीकेट आ चुके हैं. जो लोगों के सेहत के लिए हानिकारक माने जा सकते हैं. वहीं, बॉडी पसीना बहाने से अच्छा खाना खा कर और अच्छी नींद करने से बनती है. जिम के मालिकों और ट्रेनर की जिम्मेदारी है के वह अपने क्लाइंट्स की पूरी डिटेल ले कर अच्छी ट्रेनिंग दे और उनके सेहत की जिम्मेदारी खुद उठाए.
ट्रेनर के भरोसे सभी एडरसाइज करते हैं लोग
वहीं, जिम में वर्कआउट (Workout in Gym) करते हुए लोगों में से एक 52 साल के व्यक्ति ने एबीपी न्यूज को बताया के वह ट्रेनर के भरोसे सभी एक्सरसाइज करते हैं. डाइट पर अधिक ध्यान देते हैं. कुछ नौजवानों ने एबीपी न्यूज (ABP News) को बताया के वह दिन में 10,000 कदमों के करीब चलते हैं और अच्छा खाना खाते है, अधिकतर अपने दिल (Heart) को हेल्थी करने में अधिक ध्यान देते हैं.
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