Cold and Flu In Winter: सर्दी जुकाम बीमारी ज्यादा बड़ी नहीं है, लेकिन अगर आपको हो जाए तो है इतनी ज्यादा परेशान करती है कि आप कोई काम ढंग से नहीं कर सकते. इस बीमारी में पेशेंट दिन भर छींकता और खांसता रहता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक तेजी से फैलने वाली और लोगों को संक्रमित करने वाली बीमारी है. यानी अगर आपके आसपास किसी को सर्दी जुकाम है तो वहां से यह वायरस आप तक भी पहुंच सकता है. हालांकि, कई बार हमारे मन में यह सवाल भी उठता है कि आखिरकार ठंडियो में ही सबसे ज्यादा हमें सर्दी जुकाम क्यों परेशान करता है. इसका जवाब स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला है.
इसे लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, कैलिफोर्निया में राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर जारा पटेल ने इसे लेकर कहा कि सर्दियों के मौसम में जैसे ही ठंडी हवाएं चलती हैं यह नाक में मौजूद इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती हैं, जिसकी वजह से बाहरी वायरस से नाक के अंदर का इम्यून सिस्टम लड़ नहीं पाता. जरा पटेल कहती हैं, 'ठंडी हवाओं की वजह से जैसे ही तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचता है नाक के अंदर मौजूद इम्यून सिस्टम वाली कोशिकाओं का लगभग 50 फीसद हिस्सा मर जाता है. इसकी वजह से जब सर्दी जुकाम के वायरस नाक के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम उनसे लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता और हमें सर्दी जुकाम घेर लेती है.
रिसर्च में यह बातें निकल कर सामने आईं
मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर में ओटोलरिंगोलॉजी के निदेशक और हार्वर्ड मेडिकल में एसोसिएट प्रोफेसर, राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर बेंजामिन ब्लेयर और उनकी टीम जो इस रिसर्च में शामिल थी, ने कहा कि ठंडी हवाएं वायरल संक्रमण के बढ़ने की प्रक्रिया से पूरी तरह से जुड़ी हुई हैं. जैसे ही यह ठंडी हवाएं तापमान को थोड़ा सा नीचे गिराती हैं, हमारे इम्यून सिस्टम का आधा हिस्सा मर चुका होता है. रिसर्च में पाया गया कि जब किसी सर्दी जुकाम वाले वायरस का नाक पर हमला होता है तो नाक की बाहरी कोशिकाओं का उत्पादन 160 फ़ीसदी तक बढ़ जाता है. यह कोशिकाएं पूरी कोशिश करती हैं कि वायरस को अंदर न जाने दें. लेकिन, जैसे ही ठंडी हवाएं चलती हैं, यह सिस्टम धीमा पड़ जाता है और उस तरह से रक्षा करने वाली कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर पाता जैसा कि अन्य मौसम में करता है.
चार लोगों पर किया गया रिसर्च
डॉक्टर बेंजामिन ब्लेयर और उनकी टीम ने इस पूरी प्रक्रिया का पता लगाने के लिए 4 लोगों पर अध्ययन किया. इन लोगों को पहले नार्मल टेंप्रेचर पर चेक किया गया और उनके इम्यून सिस्टम का पता लगाया गया. उसके बाद इन्हें 4.4 डिग्री सेल्सियस के तापमान में ले जाया गया और फिर उनके इम्यून सिस्टम की जांच की गई. इस जांच में पता चला कि जैसे ही यह लोग ठंडी हवाओं के संपर्क में आए और नाक के अंदर का तापमान 9 डिग्री फारेनहाइट तक गिरा, वहां मौजूद इम्यून कोशिकाओं का 42 फ़ीसदी हिस्सा समाप्त हो गया.
ठंडी में सर्दी जुकाम से कैसे बचें
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के बाद यह भी बताया कि आप ठंड में सर्दी जुकाम जैसे वायरल इन्फेक्शन से कैसे बच सकते हैं. इसका सबसे सरल और बेहतर तरीका है मास्क पहनना. शोधकर्ताओं का मानना है कि मास्क न केवल आपको वायरस के सीधे हमले से बचाता है, बल्कि यह एक तरह से नाक को स्वेटर पहनाने जैसा है. मास्क पहनने से नाक के अंदर का तापमान भी ज्यादा नहीं गिरता और वहां मौजूद इम्यून सिस्टम वाली कोशिकाएं सही स्थिति में काम करती हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि आप अपने आसपास के वातावरण को जितना गर्म रखते हैं आपके शरीर का इम्यून सिस्टम उतना ही बेहतर काम करता है.
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