फिजिकल एक्टिविटी की कमी और मोटापा
पुरुषों में शारीरिक कामकाज की कमी और मोटापा बढ़ता जा रहा है. इससे पैंक्रियाज का काम प्रभावित होता है और शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है. जब इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, तो शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पातीं, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. इस कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. मोटापा और फिजिकल एक्टिविटी की कमी से डायबिटीज का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए, पुरुषों को नियमित व्यायाम और स्वस्थ खानपान की आदतें अपनानी चाहिए.
फैट डिस्ट्रीब्यूशन
पुरुषों के शरीर में ज्यादातर फैट पेट के आसपास जमा होता है, जबकि महिलाओं के शरीर में फैट जांघों और कूल्हों में जमा होता है. पेट के हिस्से में फैट जमा होने से आंतों का कामकाज प्रभावित होता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जो डायबिटीज का एक बड़ा कारण है.
लाइफस्टाइल और खानपान
अनहेल्दी डाइट और खराब जीवनशैली डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं. फास्ट फूड, मीठी चीजें, और कम व्यायाम से पुरुषों में डायबिटीज का जोखिम अधिक होता है. स्वस्थ भोजन और रोजाना व्यायाम से इस खतरे को कम किया जा सकता है.
हार्मोनल अंतर
महिलाओं की तुलना में पुरुषों में इंसुलिन सेंसिटिविटी कम होती है. इसका मतलब है कि उनका शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
अनुवांशिक कारण
अगर परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो पुरुषों में इसका खतरा ज्यादा होता है. यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है. अनुवांशिक कारणों का मतलब है कि अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो यह आपके जीन्स में हो सकता है, जिससे आपको भी डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए, परिवार में डायबिटीज के इतिहास को ध्यान में रखते हुए, अपनी सेहत का ख्याल रखना और नियमित जांच कराना जरूरी है. इससे समय पर सही कदम उठाकर डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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