पिछले कुछ दिनों में हमने कार्डियक अरेस्ट पड़ने से मौत की ऐसी घटना सुना जिससे सुनने के बाद विश्वास ही नहीं हुआ कि ऐसा भी हो सकता है क्या? एक तरफ कन्नड़ फिल्म के एक्टर और निर्देशक विजय राघवेंद्र की पत्नी स्पंदना की नींद में मौत हो गई. तो दूसरी तरफ मलयालम निर्देशक नितिन सिद्धीकी को अचानक हार्ट अटैक पड़ा जिससे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. सबसे हैरानी की बात यह है कि सोते वक्त कैसे कार्डियक अरेस्ट पड़ सकता है. वहीं आर्ट डायरेक्टर नीतिन देसाई कोच्चि में थे तब उन्हें हार्ट अटैक पड़ा.क्या, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट से अलग है?
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर
इंडिया टीवी में छपी खबर के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों एक चीज नहीं है. दरअसल, कार्डियक अरेस्ट का मतलब होता है दिल की धड़कन रूक जाना. वहीं हार्ट अटैक में दिल की नसें यानि धमनियों में ब्लॉकेज आ जाते हैं. जिसकी वजह से सीने में बहुत तेज दर्द होने लगता है. हार्ट अटैक में दिल धड़कता रहता है वहीं कार्डियक अरेस्ट में दिल काम करना बंद कर देता है. कार्डियक अरेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल एबनॉर्मलिटी की वजह से होता है. हार्ट अटैक दिल में ब्लॉकेज की वजह से होता है जब दिल में सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचता है. मौत अक्सर कार्डियक अरेस्ट से होती है हार्ट अटैक से नहीं.
सोते वक्त कार्डियक अरेस्ट पड़ने का मतलब
सोते वक्त कार्डियक अरेस्ट पड़ने का मतलब है कि हार्ट का इलेक्ट्रिकल एबनॉर्मलिटी ठीक से काम नहीं करना. इसका साफ अर्थ है कि दिल का इलेक्ट्रिकल सिस्टम ठीक से काम नहीं करना. यानि वो काम करना बंद कर देता है. सोते वक्त कार्डियक अरेस्ट पड़ने के कारण यह सब हो सकते हैं. लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम, ब्रुगाडा सिंड्रोम और हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी, अचानक कार्डियक अरेस्ट के खतरे को बढ़ा सकती हैं.हार्ट की मसल्स कमजोर होने के कारण, जेनेटिक दिल की बीमारी भी इसका कारण हो सकती है, जन्म से ही दिल में इलेक्ट्रिकल एबनॉर्मलिटी का कारण बने.