'एक ही हाथ में दो अंगूठे या किसी हाथ में छह अंगुलियां' आपने कभी न कभी किसी के हाथ या पैर में देखी होगी. इस तरह के हाथ को देखकर दिमाग में कुछ सवाल तो जरूर आते हैं. लेकिन फटाक से आपको कोई एक ऐसा मिल जाएगा यह कहने वाला कि अरे पता है 6 अंगुली वाले लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं. उनकी किस्मत ऐसी होती है. वह भविष्य में ऐसा करते हैं... ये करते हैं वो करते हैं. सबसे दिलचस्प बात यह है कि समुद्रशास्त्र भी इन सब कि वकालत करते हैं कि 6 अंगुली लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं. बुद्धिमान होते हैं. पुरुष हो या स्त्री किसी के भी 6 अंगुली होती है वह काफी शुभ माना जाता है. लेकिन हम इस आर्टिकल में भविष्य, किस्मत और शास्त्र कि बातों को एक तरफ करके आज आपको बताएंगे कि ऐसे लोगों को 'मेडिकल साइंस' की भाषा में क्या कहा जाता है. मेडिकल सााइंस की भाषा में 6 अंगुली वाले लोगों या दो अंगूठा के पीछे का कारण क्या है? यह आपको बताएंगे...
2 अंगूठा वाले को 'ग्रिप स्ट्रेंथ' से भी जोड़कर देखा जाता है
हमने इसके पीछे केे कारण का पता लगाने के लिए सबसे पहले Quora का सहारा लिया. जिसमें इससे रिलेटेड सवालों के जवाब मिलें. इस सवाल के कुछ लोगों ने जवाब में लिखा था कि दो अंगूठे को आपकी 'ग्रिप स्ट्रेंथ' से जोड़कर देखा जाता है. आपके अंगूठे को हाथ की सबसे मजबूत उंगली माना जाता है, जो हाथ की पकड़ की ताकत में 40 प्रतिशत योगदान को बढ़ा देता है. तो अगर आपके पास दो अंगूठे हैं, तो इसका मतलब होगा कि आपकी पकड़ की ताकत लगभग 40 प्रतिशत बढ़ जाती है. एक और अंगूठा मिलाने से आपके हाथ की चौड़ाई भी काफी बढ़ जाएगी. इसका मतलब है कि आप बहुत बड़ी चीजों को आसानी से पकड़ सकते हैं.
मेडिकल साइंस की भाषा में इसे क्या कहा गया है?
पॉलीडेक्टीली
जो इंसान जन्म से ही एक एक्सट्रा अंगुली या अंगूठा के साथ जन्म लेते हैं उन्हें पॉलीडेक्टीली कहते हैं. पॉलीडेक्टीली एक ऐसी स्थिति है जहां कोई व्यक्ति एक या अधिक अतिरिक्त उंगलियों या पैर की उंगलियों के साथ पैदा होता है. यह एक या दोनों हाथों या पैरों पर हो सकता है.
यह नाम ग्रीक पॉली (कई) और डैक्टाइलोस (अंगुली) से आया है. अतिरिक्त अंगुलियों या पैर की उंगलियों को "सुपरन्यूमेररी" के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है 'सामान्य संख्या से अधिक'. यह एक जेनेटिक कारण भी हो सकता है.
पॉलीडेक्टीली एक ऐसी स्थिति है जहां एक व्यक्ति अपने एक या दोनों हाथों और पैरों पर अतिरिक्त उंगलियों या पैर की उंगलियों के साथ पैदा होता है.
पॉलीडेक्टीली के प्रकार
नूबिन
टिश्यूज की छोटी, उभरी हुई गांठ, जिसमें कोई हड्डी नहीं होती
जेनेटिक रूप से गठित उंगली या पैर की अंगुली जिसमें कुछ हड्डियां हों लेकिन कोई जोड़ न हो
पूरी तरह से काम करने वाली उंगली या पैर की अंगुली टिश्यूज से जुड़े होते हैं,
पोस्टएक्सियल पॉलीडेक्टीली या छोटी उंगली डुप्लिकेशन
यह स्थिति का सबसे आम है, जहां एक्स्ट्रा अंगुली छोटी अंगुली के बाहर होती है. हाथ के इस हिस्से को उलनार साइड के नाम से जाना जाता है. जब स्थिति का यह रूप पैर की अंगुलियों पर काफी इफेक्ट करता है, तो इसे फाइबुलर पॉलीडेक्टीली कहा जाता है.
रेडियल या प्रीएक्सियल पॉलीडेक्टीली या थंब डुप्लिकेशन
यह प्रत्येक 1,000 से 10,000 जीवित जन्मों में से 1 में होता है. यह अंगुली अंगूठे के बाहर की तरफ होती है. हाथ के इस हिस्से को रेडियल साइड के रूप में जाना जाता है. जब स्थिति का यह रूप पैर की अंगुलियों को प्रभावित करता है, तो इसे टिबियल पॉलीडेक्टीली कहा जाता है.
केंद्रीय पॉलीडेक्टीली
यह एक दुर्लभ प्रकार का पॉलीडेक्टीली है. अतिरिक्त उंगली अंगूठी, मध्य, या अक्सर तर्जनी से जुड़ी होती है. स्थिति के इस रूप का वही नाम है जब यह पैर की उंगलियों को प्रभावित करता है.
Polydactyly होने के कारण
जब कोई भी व्यक्ति पॉलीडेक्टीली के साथ जन्म लेता है. तो इसे आप जेनेटिक रूप में देख सकते हैं. यानि हो सकता है कि उस बच्चे के परिवार में या माता-पिता में किसी न किसी को पॉलीडेक्टीली रही होगी.Polydactyly एक जेनेटिक या सिंड्रोम से भी जोड़कर देख सकते हैं.जब बच्चा मां के पेट में रहता है तभी उसके जीन में यह चला जाता है.
मल्टीपल टिश्यूज के कारण भी किसी बच्चे को 6 अंगुली हो सकती है
जैसा कि आपको पता है भ्रूण अपने माता- पिता के जीन से बना होता है. भ्रूण की कई सारी विशेषताएं होती हैं. बच्चे का विकास मां- बाप के जीन पर आधारित होता है. उसकी लंबाई, बाल, गोरा, काला. अगर माता- पिता में किसी में से किसी भी एक्सट्रा अंगुली है तो बच्चे को भी 6 अंगुली हो .यह आम बात है. साथ ही मल्टीपल टिश्यूज के कारण भी होता है.
इन टेस्ट से लगाया जा सकता है पता
क्रोमोसोम टेस्ट
एंजाइम टेस्ट
मेटाबोलिक टेस्ट
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