World Autism Awareness  Day 2024: बच्चों से जुड़ी कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनके शुरुआती लक्षण तो बड़े ही नॉर्मल होते हैं लेकिन बाद में जाकर वह एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. कोई बच्चे लेट से बोलते हैं और कोई जल्दी. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चों को बोलने और समझने में होने वाली परेशानी को हम नॉर्मल समझकर अनदेखा कर देते हैं. लेकिन बाद में पता चलता है कि यह बच्चे के लिए समस्या पैदा कर सकती है.


ऑटिज्म बीमारी ऐसी है जिसमें बच्चे को बोलने और समझने में दिक्कत होती है. साफ शब्दों में कहें तो इस बीमारी में बच्चों का मानिसक विकास ठीक से हो नहीं पाता है. मेडिकल टर्म में इसे ऑटिज्म कहते हैं. इस बीमारी को लेकर अभी भी लोगों के बीच जागरूकता नहीं है. 2 अप्रैल को 


ऑटिज्म की बीमारी में क्या होता है?


ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर दिमाग से जुड़ी बीमारी है. इसमें एक व्यक्ति दूसरे के साथ मेलजोल ठीक से कर नहीं पाता है. इस बीमारी में बच्चे को दूसरे से मिलने-जुलने में बड़ी दिक्कत होती है. इसे सामाजिक संपर्क से जोड़कर देख सकते हैं. इस बीमारी के लक्षण बचपन में ही दिखने लगते हैं. जो लोग इस बीमारी से जूझ रहे है उन्हें डिप्रेशन, चिंता, सोने में कठिनाई सहित कई सारी पेशानियों को झेलना पड़ता है. 


ऑटिज्म के लक्षण


नाम सुनने के बावजूद जवाब न देना. ऐसे करने जैसा लग रहा है कि वह आपको सुन भी नहीं रहा है. 


इस बीमारी के लक्षण बचपन से ही दिखाई देते हैं. जैसे अकेला रहना और खेलना. 


बोलचाल से बचना और बोलने में देरी होना


गाने वाली आवाज या रोबोट की तरह बोलना


शब्दों को दोहराना और ऐसे करना कि उसे समझ में नहीं आ रहा है. 


इस बीमारी से पीड़ित लोगों में ऐसे दिखता है बिहेवियर


बार-बार एक ही हरकतें करना. जैसे हिलना, घूमना


ऐसी हरकतें करना जिससे उससे खुद का नुकसान हो जाए. जैसे काटना या सिर पटकना


थोड़े से बदलाव में परेशानी


अजीब हरकते करना, पैर की उंगलियों पर चलना


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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