ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या ज्यादा क्यों होती है, इससे कैसे बचें
ओव्यूलेशन के दौरान कई महिलाएं मूड स्विंग्स की समस्या का सामना करती हैं, जिसमें उनके मन में अचानक बदलाव आता है. कभी खुशी, तो कभी चिड़चिड़ापन महसूस होता है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों?
महिलाओं के जीवन में हर महीने होने वाला ओव्यूलेशन एक नेचुरल प्रक्रिया है, जिसमें अंडाशय से एक अंडाणु निकलता है. यह प्रक्रिया हार्मोनल बदलावों से जुड़ी होती है, जो शरीर और मानसिक स्थिति पर असर डालती है. ओव्यूलेशन के दौरान कई महिलाओं को मूड स्विंग्स की समस्या होती है. यानी कभी खुशी, तो कभी अचानक से चिड़चिड़ापन महसूस होता है. आइए समझते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
ओव्यूलेशन क्या होता है?
ओव्यूलेशन महिलाओं की प्रजनन प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें अंडाशय से एक परिपक्व अंडाणु (एग) निकलता है. यह हर महीने मासिक चक्र के बीच में होता है, आमतौर पर 12 से 16 दिनों के बीच. इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो गर्भधारण के लिए गर्भाशय को तैयार करता है. यदि अंडाणु निषेचित नहीं होता है, तो यह मासिक धर्म के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है. ओव्यूलेशन के समय महिलाओं में गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है, इसलिए इसे प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
मूड स्विंग्स क्यों होती हैं?
- हार्मोनल बदलाव: ओव्यूलेशन के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. इन हार्मोन्स का सीधा असर मस्तिष्क के उन हिस्सों पर पड़ता है, जो भावनाओं को नियंत्रित करते हैं. यही कारण है कि इस समय महिलाएं ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं और मूड स्विंग्स का सामना करना पड़ता है.
- तनाव और थकान: ओव्यूलेशन के समय शरीर पर ज्यादा काम का दबाव और थकान भी मूड स्विंग्स का कारण बन सकती है. जब शरीर और दिमाग दोनों थक जाते हैं, तो उनका संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे मूड में बदलाव होता है.
- नींद की कमी: इस दौरान कुछ महिलाओं को नींद की कमी का अनुभव भी होता है, जिससे उनका मूड प्रभावित हो सकता है. अच्छी नींद न मिल पाने से शरीर और दिमाग दोनों को आराम नहीं मिल पाता, और इसका असर मूड पर दिखता है.
मूड स्विंग्स से कैसे बचें?
- बैलेंस डाइट लें: ओव्यूलेशन के दौरान अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज शामिल करें. इनसे शरीर को जरूरी पोषण मिलता है, जिससे मूड बेहतर रहता है. चाय, कॉफी, और चीनी का सेवन कम करें, क्योंकि ये मूड स्विंग्स को बढ़ा सकते हैं.
- व्यायाम करें: रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें, जैसे योगा, वॉकिंग या स्ट्रेचिंग. इससे शरीर में अच्छे हार्मोन का स्राव होता है, जो मूड को स्थिर रखने में मदद करता है.
- अच्छी नींद लें: रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें. अच्छी नींद से शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता है, जिससे मूड स्विंग्स कम होते हैं.
- ध्यान और मेडिटेशन: ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक शांति मिलती है. रोजाना कुछ मिनट ध्यान करने से मूड बेहतर रहता है और आप तनावमुक्त महसूस करती हैं.
- तनाव कम करें: तनाव को कम करने के लिए अपने पसंदीदा काम करें, जैसे पढ़ना, संगीत सुनना, या कोई हॉबी अपनाना. इससे दिमाग को आराम मिलेगा और मूड स्विंग्स कम होंगे.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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