Women Health: किसी भी महिला के लिए मां बनना दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है. यह प्रकृति का ऐसा उपहार है जिसे पाने के बाद महिलाएं पूरी हो जाती है. हालांकि इस दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं. खाने पीने की चॉइस बदल जाती है. लेकिन एक चीज जो हर गर्भवती के साथ होती है वो है खट्टा खाने की क्रेविंग. अक्सर अपने टीवी सीरियल या फिर अपने ही घर में देखा होगा कि प्रेगनेंसी में महिलाओं को खा खट्टा खाने की इच्छा बढ़ जाती है. लेकिन कभी आपने सोचने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या ऐसा खाना फायदेमंद होता है या फिर शरीर में किसी चीज की कमी का संकेत है. जानेंगे इस बारे में विस्तार से...
क्यों होती है खट्टा खाने की क्रेविंग?
प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर के अंदर कई तरह के हार्मोनल चेंजेस हो जाते हैं, जिस वजह से महिलाओं को खट्टा खाने की तीव्र इच्छा होती है. इसके अलावा विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं में सोडियम और आयरण की मात्रा कम हो जाती है, जिस वजह से उन्हें खट्टी चीजें जैसे कैरी अ,चार गोलगप्पे चटनी, इमली खाने की ज्यादा क्रेविंग होती है.ऐसा होना नॉर्मल है.
प्रेगनेंसी में खट्टा खाने के फायदे
1.प्रेगनेंसी में सीमित मात्रा में खट्टा खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इससे बॉडी को कैल्शियम और विटामिन जैसे पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे इम्यूनिटी होती है.आंवला और नींबू खाना सही होता है ,क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं.
2.इसके अलावा खट्टा खाने से डाइजेशन में भी सुधार होता है. उल्टी और मतलती जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है.अचार में मौजूद बैक्टीरिया गर्भवती महिला की आंत में गुड बैक्टीरिया के बढ़ाने में सहायक होते हैं. इससे खाना आसानी से पच जाता है. इसके अलावा आचार में हींग, राई, सौंफ और कलौंजी जैसे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे भी पाचन तंत्र मजबूत होता है गैस, एसिडिटी, बदहजमी जलन से छुटकारा मिलता है.इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान आचार का सेवन शरीर में खनिज तत्वों का बैलेंस बनाता है, क्योंकि इसमें पोटैशियम और सोडियम जैसे खनिज तत्व होते हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चों के विकास में मदद करते हैं.
3.कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रेगनेंसी के दौरान इमली खाने से एनीमिया की समस्या भी दूर हो सकती है. इमली में कैल्शियम आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन और जिंक जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. प्रेगनेंसी के दौरान इमली आयरन का एक टेस्टी सोर्स हो सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.