कवि हरिवंश राय बच्चन की मशहूर कविता मधुशाला की फेमस पंक्ति है 'बैर कराते मंदिर-मस्जिद, मेल कराती मधुशाला'. मयखाना यानि जहां सभी लोग बैठकर शराब पीते हैं वहां पर हर इंसान एक बराबर है. किसी तरह का भेदभाव नहीं होता है. लेकिन हालिया रिसर्च तो कुछ और ही कह रही है. हाल ही में पब्लिश हुए एक रिसर्च में यह खुलासा किया गया है कि शराब पीने से पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को शारीरिक नुकसान ज्यादा उठाना पड़ता है. यह बात सुनकर कोई भी एक बार जरूर बोल पड़ेगा कि समाज की छोड़ो शराब भी मर्द और औरत में भेदभाव करती है. इंग्लिश पॉर्टल 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक जिस तरह मर्द और औरत के शारीरिक बनावट अलग-अलग है ठीक उसी तरह शराब पीने से पुरुषों के मुकाबले औरतों को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ता है. कई हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक20 प्रतिशत व्यस्क पुरुष बहुत ज्यादा शराब पीते हैं और कई सालों में उन्हें कुछ सारी शारीरिक दिक्कतों को झेलना पड़ता हैं. लेकिन आपकी जानकरी के लिए बता दें कि 20 प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले सिर्फ 6 प्रतिशत महिलाएं ही शराब पीती हैं और उन्हें कई तरह के गंभीर बीमारी से जूझना पड़ता है. 


अल्कोहल मुख्य रूप से अल्कोहल डिहाइड्रोजनेज (ADH) और लिवर में माइटोकॉन्ड्रियल एल्डिहाइड डिहाइड्रोजनेज (ALDH2) द्वारा डिटॉक्सीफाई किया जाता है. जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में अलग-अलग होते हैं. इसके अलावा महिलाएं इथेनॉल चयापचय उत्पाद एसीटैल्डिहाइड-प्रेरित कार्डियक सिकुड़ा हुआ अवसाद के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं.


शराब पीने से महिलाओं को होने वाली दिक्कतें


जो महिला काफी वक्त से शराब पी रही हैं वह दिमागी रूप से बीमार पड़ सकती हैं. सिर्फ इतना ही नहीं हार्ट अटैक और लिवर संबंधित बीमारी का भी शिकार हो सकती है.  एक पुरुष 20 से 30 तक भी खूब शराब पिएंगे तो उसके परिणाम उसको जल्दी नहीं दिखेंगे. लेकिन एक महिला अगर 50 साल तक भी खूब शराब पीती हैं तो उसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं. 


महिलाओं को एक टाइम के बाद शराब पीने से दिक्कतें शुरू होती हैं. साथ ही शरीर वक्त से पहले बूढ़ा दिखाई देता है. शराब से जुड़ी शारीरिक समस्याओं को खतरा ज्यादा रहता है. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि महिलाएं अल्कोहल डिहाइड्रोजनेज (एडीएच) नामक एक एंजाइम का कम मात्रा में उत्पादन करती हैं, जो लीवर में रिलीज होता है और शरीर में अल्कोहल को तोड़ देता है.


शराब आपके शरीर में फैट बढ़ाता है. जिसके कारण महिलाओं के शरीर में कई गंभीर प्रॉब्लम शुरू हो सकती है. 


यही कारण है कि पुरुषों के बराबर मात्रा में शराब पीने के बाद महिलाओं के ब्लड में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा हो जाती है. गर्भावस्था के दौरान शराब के उपयोग के गंभीर परिणाम क्या है? गर्भपात, मृत जन्म, समय से पहले जन्म और भ्रूण अल्कोहल स्पेक्ट्रम विकार (एफएएसडी) शामिल हैं.


प्रेग्नेंट महिला को शराब की तरफ देखना नहीं चाहिए वरना बच्चों को हो सकती हैं ये दिक्कतें


प्रेग्नेंसी में शराब पीने से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. प्रेग्नेंट मां अगर अल्कोहल पीती हैं तो शराब खून के जरिए बच्चे के गर्भनाल तक पहुंच जाता है. साथ ही गर्भपात, मृत जन्म और कई तरह की शारीरिक समस्याएं शुरू हो सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं व्यवहारिक और बैद्धिक समस्याएं भी शुरू हो सकती है. जिसे फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (FASDs) भी कहा जाता है. 


नाक और ऊपरी होंठ के बीच एक चिकनी रिज (फिल्ट्रम कहा जाता है) एक असामान्य चेहरे की विशेषता है.


छोटे सिर का आकार


 औसत ऊंचाई से छोटा


शरीर का कम वजन


याददाश्त कमजोर होना


स्कूल में कठिनाई (विशेष रूप से गणित के साथ)


सीखने की अक्षमता


भाषण और भाषा में देरी


बौद्धिक विकलांगता या कम बुद्धि


 खराब तर्क और निर्णय कौशल


देखने या सुनने की समस्या


हृदय, गुर्दे, या हड्डियों की समस्या


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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