पेट में जाने के बाद सौंफ ऐसा क्या करती है, जिससे उसे भोजन के बाद खाने की सलाह दी जाती है...
होटल या रेस्तरां में खाना खाने के बाद सौंफ लेकर आप आराम से निकल जाते हैं. लेकिन आपको पता है खाना खाने के बाद सौंफ खाने के फायदे क्या होते हैं?
किसी भी तरह की पार्टी हो या रेस्तरां में खाना खाने गए ही होंगे. खाना खाने के बाद आपको एक प्लेट में सौंफ लेकर दिया जाता है. अक्सर लोग सौंफ उठाकर बाहर निकल जाते हैं. लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों खाने के बाद सौंफ दिया जाता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताएंगे आखिर क्यों खाना खाने के बाद सौंफ चबाने के लिए देता है. इसके पीछे का कारण आपकी हेल्थ से जुड़ा हुआ है. बेंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल के मुख्य पोषण विशेषज्ञ वाणी कृष्णा के मुताबिक सूखे सौंफ के बीज में कैलोरी कमी होती है. वहीं फाइबर काफी ज्यादा होता है और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होता है. सौंफ एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जिसके कारण शरीर में सूजन कम होता है. सौंफ के दाने पोषक तत्व, फाइबर से भरपूर होते हैं वहीं कैलोरी में कम होते हैं, जो आपके स्वस्थ चयापचय और स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा होता है.
जब हेल्दी दिल और वजन घटाने की बात आती है, तो हम सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करने लगते हैं. एक अच्छा डाइट और एक्सरसाइज के साथ-साथ सौंफ के बीज को अपनी लाइफस्टाइल में ऐड-ऑन किया जा सकता है. सूखे सौंफ के बीज कैलोरी में कम, फाइबर में उच्च और स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. वे विटामिन सी, ई और के के साथ-साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम, सेलेनियम और आयरन जैसे खनिजों से भरपूर होते हैं. सौंफ एंटीऑक्सिडेंट से भरे हुए हैं जो आपके शरीर में सूजन को करते हैं, जो कई बीमारियों के कारण हो सकते हैं.
दिल को हेल्दी रखने में है कारगर
जर्नल ऑफ फूड साइंस (2012) में अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई के शोधकर्ताओं ने बताया था कि कैसे सौंफ के बीजों में मौजूद नाइट्राइट दिल को हेल्दी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस रिसर्च में यह भी पता चला है आप खाने के बाद इसे आराम से चबा सकते हैं. क्योंकि इसमें पाया जाने वाला नाइट्राइट लार के साथ मिलकर शरीर को फायदा पहुंचाती हैं. नाइट्राइट दिल की ब्लड सर्कुलेशन में फैलते हैं और स्ट्रेस कम करते हैं. साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं. सौंफ एंजियोजेनेसिस या पहले से मौजूद रक्त वाहिकाओं से नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण में भी मदद करती है.
इसमें फाइबर होता है जो किसी भी मेटाबोलिक सिंड्रोम के लिए अच्छा होता है. फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का ख्याल रखता है, जिससे प्लाक और दिल के दौरे का खतरा कम होता है. दरअसल, सौंफ में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने में मदद करता है. सौंफ के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं. वे पाचन को धीमा करते हैं और शुगर स्पाइक्स से बचने में मदद करते हैं. सौंफ खाने से जल्दी-जल्दी भूख भी नहीं लगती है. वजन घटाने की सोच रहे हैं सौंफ का पानी भी आप अपनी डेली रूटीन में शामिल कर सकते हैं.
डायबिटीज पर कंट्रोल
चूहों पर किए गए कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि सौंफ के बीज के अर्क ने मानक एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक दवा की तुलना में रक्त शर्करा के स्तर को कम कर दिया है. लेकिन अभी तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं हुआ है जो इंसानों के बीच यह साबित करता हो. हालांकि, सौंफ के घुलनशील फाइबर रक्त शर्करा स्पाइक्स को नियंत्रित करने और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकते हैं. सौंफ के बीज बीटा-कैरोटीन से भरपूर होते हैं, एक अन्य एंटीऑक्सीडेंट जो टाइप 2 मधुमेह वाले रोगियों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है.
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