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कैंसर के इलाज में नया वादा क्यों कर रहा है HIFU ? जानिए कैसे काम करती है ये तकनीक
ध्वनि तरंगों के जरिए कैंसर सेल्स को खत्म करने की HIFU की तकनीक कैंसर के इलाज में काफी बेहतरीन परिणाम दे सकती है. चलिए जानते हैं आखिर क्या है यह तकनीक और कैसे करती है काम.
Cancer Treatment: कैंसर (cancer)जैसी जानलेवा बीमारी के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक नए नए इलाज खोजने में लगे रहते हैं. इसी दिशा में एआई जैनरेटेड HIFU तकनीक (हाई इंटेंसिटी फोकस्ड अल्ट्रासाउंड) कैंसर के इलाज में नई संभावनाओं को जन्म दे रही है. दरअसल ये कैंसर के ट्रीटमेंट की ऐसी तकनीक है जिसमें ध्वनि तरंगों के जरिए कैंसर की कोशिकाओं को खत्म किया जाता है. हालांकि ये तकनीक हर तरह के कैंसर के लिए उपयुक्त नहीं मानी जा सकती है लेकिन प्रोस्टेट कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए ये तकनीक खासी प्रभावी हो रही है. चलिए जानते हैं कि HIFU क्या है और ये कैसे काम करता है.
क्या है HIFU तकनीक
HIFU कैंसर ट्रीटमेंट की ऐसी तकनीक है जिसमें मशीन के जरिए अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगें मरीज के शरीर में डिलीवर की जाती हैं. ये तरंगें कैंसर प्रभावित हिस्से तक पहुंचती है और कैंसर कोशिकाओं को गर्म करके उनको नष्ट कर देती हैं. ट्यूमर का इलाज करने के लिए HIFU तकनीक प्रभावी साबित हो सकती है. इस ट्रीटमेंट में दवा,सर्जरी या कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ती है. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि एआई (AI) आने के बाद HIFU तकनीक में काफी सुधार हुआ है और पिछले 10 से 15 सालों में HIFU तकनीक काफी उपयोगी साबित हुई है.
AI की मदद से इलाज
आपको बता दें कि पिछले सालों की अपेक्षा नए जमाने की HIFU मशीनें एआई से चल रही हैं और ये सटीक परिणाम भी देती हैं. आपको बता दें कि अभी तक HIFU तकनीक का इस्तेमाल केवल प्रोस्टेट कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए हो रहा था. लेकिन अब अन्य तरह के कैंसर जैसे ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, फॉइब्राइड और अन्य गैर कैंसरयुक्त डेपलपमेंट के लिए इसका इलाज खोजा जा रहा है. हालांकि HIFU तकनीक के जरिए इन सभी तरह के कैंसर के ट्रीटमेंट को खोजने में समय लगेगा और साथ ही कई तरह के चैलेंज भी मिलेगें लेकिन नई तकनीक के जरिए इसको संभव किया जा सकता है.
HIFU तकनीक बेहतर है या सर्जरी
कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए क्या बेहतर है, HIFU तकनीक या सर्जरी. इस संबंध में डॉक्टर कहते हैं कि HIFU तकनीक के इस्तेमाल के बाद भी कैंसर दोबारा हो सकता है. क्योंकि एक बार इलाज के बाद कैंसर बाद में किसी अन्य अंग को प्रभावित कर सकता है. यही हाल सर्जरी का भी होता है क्योंकि कैंसर सर्जरी के बाद भी किसी भी समय वापस लौट सकता है. इसलिए HIFU तकनीक और सर्जरी दोनों ही फ्यूचर के लिए कैंसर के जीरो रिस्क की गारंटी नहीं दे सकते. हालांकि HIFU तकनीक सर्जरी की अपेक्षा कम दर्द देने वाली तकनीक कही जा सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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