बर्फीले देशों में क्यों नहीं होता भारत-पाकिस्तान जैसा पॉल्यूशन, वहां इससे कैसे निपटते हैं?
देश की राजधानी दिल्ली एक गैस चैंबर बनी हुई है. दिल्ली की हवा ऐसी हो गई कि कालिख पोती हुई है. हर तरफ सिर्फ काला धुआं है जिसके कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है.
सबसे हैरान कर देने वाली बात यह सरकार के दावों के बावजूद हर साल पॉल्यूशन का लेवल बढ़ रहा है. दिल्ली एनसीआर में एयर पॉल्यूशन के प्रमुख कारक है. चीन और अमेरिका जैसे देश जो भारत की तुलना में काफी ज्यादा पॉल्यूशन है. भारत के साथ-साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश का भी पॉल्यूशन से भी यह हाल है. पाकिस्तान में पॉल्यूशन के कारण स्कूल बंद है. वही बीजिंग में भी काफी ज्यादा धुंध है. आकड़े बताते हैं कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हवा की क्वालिटी काफी ज्यादा बद्दतर होती है. 20 से 25 सिगरेट के बराबर धुआं अपने अंदर ले ले रहे हैं. क्या आपको पता है कि जब ऐसा प्रदूषण विदेश में होता है तब वहां की सरकारें क्या करती है. क्या विदेश में प्रदूषण को कम करने के लिए वहां की सरकारों द्वारा कुछ विशेष आयोजन किया जाता है?
न्यूयॉर्क में क्या है नियम?
न्यूयॉर्क में साइकिल चलाने और पैदल चलने वालों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस प्रयास किया गया है. शहर परिवहन के साधन के रूप में साइकिल, सबवे और बसों के उपयोग को प्रोत्साहित करता है. अगस्त के तीसरे शनिवार को सेंट्रल पार्क से ब्रुकलिन ब्रिज तक फैला शहर का एक हिस्सा कार यातायात के लिए बंद रहता है, जिससे पैदल चलने वालों को खुली सड़कों का आनंद लेने की अनुमति मिलती है. हालांकि, इस क्षेत्र में कारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है.
सैन फ्रांसिस्को में है खास व्यवस्था
सैन फ्रांसिस्को ने 2 अगस्त 2017 को शहर के सबसे व्यस्त मार्ग 2.2-मील लंबी मार्केट स्ट्रीट पर पूर्ण कार प्रतिबंध लागू करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. इसका उद्देश्य परिवहन के पसंदीदा साधन के रूप में साइकिल को बढ़ावा देना है. शहर में 125 मील समर्पित साइकिल लेन का एक व्यापक नेटवर्क है, और गैर-मोटर चालित गतिशीलता को बढ़ाने के लिए पैदल चलने वालों के लिए अनुकूल सड़कें भी हैं.
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बर्लिन में साइकिल के लिए है अलग रूल
बर्लिन में 2008 में उत्सर्जन कम करने के लिए क्षेत्र स्थापित किया गया था, जो देश के उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं करने वाले गैस और डीजल वाहनों के उपयोग पर रोक लगाता है.
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यह क्षेत्र 34 वर्ग मील के क्षेत्र को कवर करता है, जिससे उस क्षेत्र में रहने वाले बर्लिन के एक तिहाई निवासी प्रभावित होते हैं. इसके अलावा बर्लिन ने कई साइकिल सुपर-हाइवे का निर्माण किया है, जिसमें 13 फीट चौड़ी लेन हैं, विशेष रूप से साइकिलों के लिए यह सुनिश्चित करते हुए कि इन मार्गों पर कारों की अनुमति नहीं है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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