Gastric Issue: ये फास्टफूड की गलती नहीं है, आपकी हेल्दी डायट में छिपी है ज्यादा गैस बनने की वजह!
Stomach Gas: हम आपके फेवरिट फास्टफूड को टारगेट करने नहीं जा रहे हैं ना ही यहां हम आपको ये बताने वाले की कि एक्सर्साइज कितनी जरूरी है. बल्कि आपका ध्यान एक ऐसे पॉइंट पर ला रहे हैं, जो अनदेखा रह गया है..
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Cause of Stomach Gas: पेट में गैस बनना एक नैचरल प्रॉसेस है. गैस बनती है तो गैस पास भी होती है और यह हेल्दी डायजेस्टिव सिस्टम का लक्षण है. लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि पिछले कुछ साल की तुलना में अब आपको गैस बनने की समस्या अधिक होने लगी है. गैस बनना, सीने पर जलन होना, पेट फूलना, खट्टी डकारें आना जैसी समस्याएं अब ज्यादातर लोगों को डेली लाइफ में परेशान कर रही हैं. जबकि 10 से 15 साल पहले ये समस्याएं इतनी अधिक नहीं होती थीं.
हमने आपको ऊपर ही यह बात क्लियर कर दी है कि हम आपके पसंदीदा फास्टफूड या लेजी लाइफस्टाइल के बारे में यहां कोई बात नहीं कर रहे हैं. बल्कि हेल्दी डायट में आ चुके एक ऐसे बदलाव की तरफ आपका ध्यान दिलाएंगे, जिसे अनदेखा किया जा रहा है...
पेट में अधिक गैस बनने का कारण
आजकल लोगों को गैस अधिक बनने की समस्या इसलिए अधिक हो रही है क्योंकि लोग बिना छिलके की दाल खाते हैं. पुराने समय में या कहिए कि डेढ़ से दो दशक पहले तक चने से लेकर अरहर तक हर दाल पर छिलका चढ़ा होता था. फिर बाजारवाद हावी हुआ और सौंदर्य की मांग भोजन में भी बढ़ गई. बिना छिलके की दाल अधिक सुंदर और आकर्षक दिखती है तो बाजार में इसी ने पैठ बना ली और हम सब गैस के मरीज बन गए.
छिलका युक्त दाल खाने के फायदे
- छिलका युक्त दालों का सेवन करने से गैस बनने की समस्या नियंत्रित रहती है. क्योंकि छिलका फाइबर और ऐसे दूसरे जरूरी न्यूट्रिऐंट्स से भरपूर होता है, जो गैस और अपच जैसी समस्या से बचाते हैं.
- दाल बी-श्रेणी के प्रोटीन रिच फूड्स में आती है. यानी ऐसा प्रोटीन जो हमें बनस्पतियों से प्राप्त होता है. इस प्रोटीन को डायजेस्ट होने और आंतों द्वारा अवशोषित होने में अधिक समय लगता है. और जब हम बिना छिलके की दाल का सेवन करते हैं तो पाचन और अवशोषण का यह समय और बढ़ जाता है.
- डायजेशन में हो रही देरी और अवशोषण में लग रहा समय पाचनतंत्र पर एक अतिरिक्त दबाव क्रिऐट करता है, जो पाचन संबंधी विकारों के रूप में सामने आता है. यही कारण है कि ज्यादातर लोगों को गैस अधिक बनती है या फिर अपच, खट्टी डकार, पेट फूलना जैसी समस्याएं होने लगती हैं.
फाइबर कैसे पहुंचाता है डायजेशन में लाभ?
दाल हमारे भारतीय भोजन का मुख्य आहार (Food)है. हम सभी रोज के भोजन में एक ना एक टाइम दाल का सेवन जरूर करते हैं. या तो हम दाल को दाल के रूप में खाते हैं या फिर इसकी स्टफिंग करके या इससे बने दूसरे फूड्स खाते हैं. ऐसे में बिना छिलके की दाल ही हमारे पेट में जाती है.
शाकाहारी लोगों के लिए तो अपने शरीर की डेली प्रोटीन नीड को पूरा करने में दाल एक मुख्य भोजन है. ऐसे में दाल का सेवन करना ही है लेकिन गैस की समस्या से भी बचना है तो बेहतर रहेगा कि आप छिलका युक्त दालों का सेवन शुरू कर दें. यहां जानें, दाल के छिलकों में पाया जाने वाला फाइबर कैसे आपके पाचन और गैस की समस्या को दूर रखता है...
- फाइबर आपके पेट को साफ करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता है. यह स्टूल (मल) को हेवी और सॉफ्ट बनाता है, जिससे मोशन के दौरान दर्द या परेशानी नहीं होती, प्रेशर नहीं लगाना पड़ता और एक ही बार में पेट पूरी तरह साफ हो जाता है.
- जब पेट साफ रहता है तो इसका अर्थ होता है कि आपके पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव नहीं है और पेट में हानिकारक माइक्रोब्स नहीं पनप रहे हैं. इसलिए आपके द्वारा खाए गए भोजन का पाचन अच्छी तरह हो पाता है.
- मोशन के बाद आपकी आंते खाली हो जाती हैं और यदि मोशन ठीक से हो जाए तो आंतों की सफाई भी हो जाती है. ऐसे में आपके द्वारा किए गए भोजन से प्राप्त गुणों आंते अधिक सक्रियता और तीव्रता से अवशोषित कर पाती हैं.
- यह कुछ इस तरह है कि ना काम पैंडिंग होगा, ना तनाव क्रिऐट होगा और जब तनाव नहीं होगा तो इसके कारण होने वाली समस्याएं भी नहीं होंगी! कुल मिलाकर बात इतनी है कि आप छिलका युक्त दाल का महत्व समझ गए हैं, अब इसे अपनी डेली डायट का हिस्सा बन लेंगे तो गैस की समस्या से बचाव में मदद मिलेगी.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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