वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए दोपहर का वक्त बड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है. इसकी वजह ये है कि वे लंच करने के बाद सुस्ती महसूस करते हैं. ऐसे में गूगल करने लगते हैं कि आखिर वे इस सुस्ती को कैसे दूर भगाएं. साथ ही लंच के बाद होने वाली थकान और नींद से बचने के लिए क्या करें. लेकिन आमतौर पर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि उनकी इस थकान और सुस्ती की असल वजह वो वक्त है, जब वे खाना खाते हैं. भले ही ये सुनने में बेहद ही हैरानी भरा लगा, लेकिन ऐसा सच में है.
दरअसल, पूरे दिन में एक ऐसा समय होता है, जब ऑफिस कर्मचारी सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं, जबकि एक वक्त ऐसा भी होता है, जब वे थकान महसूस करते हैं. एक सर्वे के मुताबिक, ऑफिस में लोग सुबह 10.22 बजे के बीच सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं, जबकि दोपहर 1.27 बजे का वक्त ऐसा होता है, जब वे थकान और नींद का शिकार हो जाते हैं. इस सर्वे को ब्रिटेन की रेंटल एजेंसी कंपनी ऑफिस फ्रीडम ने किया है. सर्वे में 2000 लोगों को शामिल किया गया था.
कब होती है सुस्ती की शुरुआत?
सर्वे के मुताबिक, दोपहर में होने वाली सुस्ती लोगों में असल में होती है. ये उस समय तब और भी ज्यादा हो जाती है, जब घड़ी की सुइयां 1.27 बजे पर पहुंचती हैं. इस समय से ही सुस्ती की शुरुआत होती है और ये लगभग 2.06 बजे तक चलता रहता है. इसके अलावा, 60 फीसदी कर्मचारी प्रोडक्टविटी के दौरान हाई और लो फेज को महसूस किए बिना काम नहीं कर पाते हैं. इस दौरान कभी उनका काम में मन लगता है, जबकि कई बार तो वे थकान की वजह से ठीक ढंग से काम भी नहीं कर पाते हैं.
खाने के अलावा क्या हैं सुस्ती की और वजहें?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंप्यूटर के सामने ज्यादा समय बिताने, काम के दौरान ब्रेक नहीं लेना और सहकर्मियों द्वारा डिस्टर्ब नहीं किए जाने की वजह भी सुस्ती का कारण हो सकती है. इस वजह से काम पर फोकस नहीं हो पाता है. सर्वे में ये बात भी निकलकर आई है कि आधे से ज्यादा प्रतिभागियों ने घर से काम करने की तुलना में ऑफिस में अपने साथियों के साथ ज्यादा बेहतर काम किया. 10 में से 4 प्रतिभागियों ने माना कि ऑफिस में उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ गई है.
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