Women's Health: महिलाओं में व्हाइट डिस्चार्ज की ये है सबसे बड़ी वजह, ऐसे करें ठीक
क्या आपको भी व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या होती है और आप समझ नहीं पाते हैं कि वजाइना से यह व्हाइट डिस्चार्ज क्यों हो रहा है और किस तरह आप इससे बच सकते हैं, तो चलिए हम आपको बताते हैं.
White Discharge Remedies: कई बार महिलाओं को जीवन में कई ऐसी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है, जिसके बारे में वह खुलकर बात नहीं कर पाती हैं. ठीक इसी तरह से एक प्रॉब्लम है व्हाइट डिस्चार्ज , जिसमें वजाइना (Vaginal health) में से व्हाइट, पीला या भूरे कलर का डिस्चार्ज होता है और अगर समय रहते इस पर ध्यान ना दिया जाए तो इससे कई गंभीर समस्याएं भी हो सकते हैं. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि व्हाइट डिस्चार्ज क्यों होता है और इससे आप किस तरह से बचाव (Preventing white discharge in women) कर सकते हैं.
क्यों होता है महिलाओं को व्हाइट डिस्चार्ज
व्हाइट डिस्चार्ज को मेडिकल लैंग्वेज में ल्यूकोरिया कहते हैं, यह आमतौर पर पीरियड से पहले और ओवुलेशन के समय पर ज्यादा होता है. लेकिन अगर किसी महिला को बहुत ज्यादा वेजाइनल डिस्चार्ज हो रहा है, तो इससे फंगल इन्फेक्शन और UTI जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. ये डिस्चार्ज सफेद रंग के अलावा पीले रंग का भी होता है और कई बार हरे और ब्राउन कलर का डिस्चार्ज भी होता है. यह आपको तब होता है, जब समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं.
ज्यादा व्हाइट डिस्चार्ज होने के लक्षण
ज्यादा व्हाइट डिस्चार्ज होने के सामान्य लक्षण में वजाइना में खुजली, जलन महसूस होना, कमर, हाथ, पैर और पेल्विक एरिया में दर्द होना, वेजाइनल एरिया का गीला रहना, इंटिमेसी के दौरान दर्द होना, प्राइवेट पार्ट में सूजन होना, हैवी पीरियड्स होना, बार-बार पेशाब आना आदि समस्याएं हैं.
हो सकती हैं ये बीमारियां
लगातार अधिक डिस्चार्ज से यीस्ट इंफेक्शन, गोनोरिया, यूटरस माउथ में कोई प्रॉब्लम, कई मामलों में कैंसर होने की तरफ भी इशारा कर सकता है.
इससे सर्वाइकल कैंसर भी हो सकता है. दरअसल में ये डिस्चार्ज कई बार बच्चेदानी के मुंह पर किसी इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है. इसका समय पर पता लगने से इसका इलाज संभव है
इस तरह करें व्हाइट डिस्चार्ज से बचाव
अगर आपको बहुत ज्यादा व्हाइट डिस्चार्ज हो रहा है तो आप सबसे पहले किसी अच्छे गाइनेकोलॉजिस्ट को दिखाएं और नियमित रूप से अपने वजाइना की सफाई करें. वेजाइनल हेल्थ को मेंटेन रखें, कॉटन की ब्रीदेबल अंडरगारमेंट्स का इस्तेमाल करें, डाइट को बैलेंस रखें. हाइड्रेशन का ध्यान रखें और आप अपनी डाइट में मेथी के दाने और एलोवेरा जूस का सेवन करें. वेजाइनल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए आप चीनी का सेवन कम करें और रेगुलर चेकअप भी करवाते रहें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: Monkeypox: भारत में आया मंकीपॉक्स तो कितना होगा असर, जानें इसकी एंट्री पर कैसे लग सकती है रोक
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )