हीट वेव के दौरान देर तक नहाना हेल्थ के लिए नहीं है सही, जानिए हेल्थ एक्सपर्ट क्यों करते हैं मना और क्या लॉजिक देते हैं?
हीट वेव के दौरान शरीर को ठंडा रखने के लिए कई लोग ऐसे हैं जो बार-बार नहाते हैं या काफी देर तक बाथरूम में ठंडा पानी में नहाते रहते हैं. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसा करना बिल्कुल गलत है.
नॉर्थ इंडिया में भीषण गर्मी पड़ रही है. भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए पूरे उत्तर भारत में रेड अलर्ट जारी किया है. हीट वेव के दौरान शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडा पानी पीना या काफी देर तक नहाना पसंद करते हैं ताकि शरीर एकदम ठंडा रहे. लेकिन अगर विशेषज्ञ की मानें तो ऐसा करना बिल्कुल गलत है क्योंकि यह हेल्थ के हिसाब से एकदम ठीक नहीं है.
हीट वेव के दौरान नहाने से होती हैं ये दिक्कतें
उन्होंने कहा कि कम समय तक नहाने से त्वचा की जलन को रोकने में भी मदद मिलती है. क्योंकि गर्म पानी त्वचा के प्राकृतिक तेलों को छीन लेता है. जिससे त्वचा रूखी हो जाती है और हीट रैशेज की संभावना बढ़ जाती है, तो जब भी आपको लगे कि हीट वेव है तो उस दौरान कम देर तक नहाएं.
इंडियन एक्सप्रेस में इसे विस्तार से समझाया गया है कि इस बात से सहमत होते हुए आकाश हेल्थकेयर, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. सुकृति भल्ला ने बताया कि जब हम नहाते हैं. तो शरीर के जितने भी पोर्स खुल जाते हैं और वासोडाइलेट करते हैं.
ऐसे में आज जितने देर तक नहाते हैं तो गर्मी का जोखिम और बढ़ता है. हीट वेव के दौरान जितना हो सके एनर्जी बचाने की कोशिश करनी चाहिए. गर्मी में डिहाइड्रेशन के कारण खून गाढ़ा और इसके थक्के भी जम सकते हैं. ऐसी स्थिति में एनर्जी बचाने की कोशिश करनी चाहिए. जिसके कारण दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ता है. ढेर सारा पानी पीकर ही घर से बाहर निकलें और जब आप गर्मी से वापस घर आते हैं पानी में नमक मिलाकर जरूर पिएं.
इसका हृदय संबंधी समस्याओं से भी कोई संबंध है?
विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि खासकर बुजुर्गों में अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में होमियोस्टेसिस हो सकती है. जिसे नहाकर नियंत्रित किया जाता है. यह विफलता अक्सर मौजूदा हृदय संबंधी समस्याओं से और भी बदतर हो जाती है. डॉ. भल्ला ने कहा, शरीर का आदर्श तापमान 24 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. अगर आपका शरीर वासोडिलेशन और डिहाइड्रेशन के कारण शरीर अपनी पानी खो देता है. तो इसके कारण ब्लड गाढ़ा हो सकता है और थक्का बन सकता है. जिसके परिणामस्वरूप फुफ्फुसीय एम्बोलिज्म हो सकता है.
कितने देर तक नहाना अच्छा होता है?
नॉर्मल पानी में 5-10 मिनट ही नहाएं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि व्यस्त समय के दौरान नहाने से बचना चाहिए, अपने शरीर के टेंपरेचर को कंट्रोल करने के लिए सबसे जरूरी है कि सुबह 11 बजे या शाम के समय नहाने की कोशिश करें.
खुद को ठंडा रखने के लिए ठंडे कपड़े. तौलिये और पैरों को पानी में भिगोकर रख सकते हैं. अगर आपको हीट स्ट्रोक हो रहा है. तो राहत के लिए ठंडी सिकाई करें. उन्होंने ढीले-ढाले आधे बाजू के सूती कपड़े पहने. खासकर बर्फ के स्नान से बचने की सलाह दी जाती है. क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन में सिकुड़न होती है और अचानक लगने वाला झटका शरीर के लिए बेहद हानिकारक होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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