चाय पर लाखों हजारों कविताएं- गानें बन चुके हैं. जब आज चाय कि बात हो रही है तो आपने एक मशहूर गाना तो जरूर सुना होगा. जिसे अनु मलिक ने गाया है. 'एक गर्म चाय की प्याली हो, कोई उस पिलाने वाली हो.' यह गाना चाय और रोमांस का एक शानदार कॉम्बो है. खासकर इंडिया में चाय एक ऐसी चीज है जो प्यार-ब्रेकअप, ए्ग्जाम पा-फेल, अच्छा- बुरा सभी समय का एकमात्र साथी चाय होता है. घर से लेकर बाहर तक अक्सर कहते सुना होगा एक कड़क चाय पी लो सभी टेंशन छू मंतर हो जाएगी. भारत में चाय या कॉफी ऐसी चीज है जिसे शायद ही कोई नहीं पीता होगा. वहीं दूसरी तरफ चाय और कॉफी लवर के लिए एक बुरी खबर है. जिस गर्म चाय को आप बड़े ही चुस्की के साथ पीते हैं वह आपके हेल्थ के लिए बेहद हानिकारक है. चलिए बताते हैं कैसे?


'इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल'


'इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल' में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक रोजाना कोई भी गर्म बेवरेज जैसे चाय या कॉफी नहीं पीना चाहिए. इस जर्नल में छपी रिपोर्ट के  मुताबिक चाय-कॉफी जैसे बेवरेज 60 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर बनने के कारण इसे पीने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. रिसर्च के मुताबिक, रोजाना 700 मिलीलीटर से अधिक गर्म चाय पीने से इसोफेजियल कैंसर का खतरा 90 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. इसोफेजियल कैंसर तब होता है जब खाने की नली (ग्रासनली) में एबनॉर्मल सेल्स अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगता हैं.'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक कॉफी, चाय और मेट जैसे गर्म बेवरेज भी उस सूची में हैं. समूह की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC)ने हाल ही में 10 देशों के 23 साइंटिस्ट से ग्रुप बनाया है. जिसमें लगभग 1,000 रिसर्च की समीक्षा कि गई है. इस रिसर्च में यह पाया गया कि हाई डिग्री पर पकाने वाले पेय और कैंसर के बीच एक गहरा संबंध है.


इस रिसर्च में यह भी खुलासा किया गया है कि बहुत अधिक गर्म पेय पीना आपकी स्वाद के हिसाब से हानिकारक हो सकता है. क्योंकि वे जीभ के आसपास के जगह को भी प्रभावित करता है जो काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं.  हालांकि, नियमित रूप से गर्म पेय पीना और जीभ को गंभीर रूप से और बार-बार जलाना, स्वाद के हिसाब से भी नुकसान पहुंचाता है. गर्म चाय कॉफी पीने से होंठ पर भी असर पड़ता है, कई मामलों में होठ जल जाते हैं और शारीरिक रूप से काला भी हो जाता है. बहुत गर्म पेय पदार्थों को पीने से भी सीने में जलन हो सकती है.


कितना गर्म चाय पीना ठीक रहता है


ईरान के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग प्रति दिन 700 मिलीलीटर गर्म चाय पीते थे, जो कि 60 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक (140 डिग्री फारेनहाइट) था, एसोफेजेल कैंसर के खतरे में 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. फूड पाइप में होने वाले कैंसर एक विशिष्ट प्रकार का कैंसर है जो बहुत गर्म चाय पीने से जुड़ा हुआ है. फूड पाइप एक खोखली पेशी ट्यूब है जो तरल पदार्थ, लार और मुंह से चबाया हुआ भोजन आपके पेट तक ले जाती है। गोलाकार मांसपेशियां जिन्हें स्फिंक्टर मांसपेशियां कहा जाता है, दोनों सिरों को बंद और खोलती हैं. एसोफेजेल कैंसर तब होता है जब एसोफैगस में ट्यूमर बढ़ता है या जब एसोफैगस की परत में कोशिकाएं बदलती हैं.


चाय छानने के इतने मिनट बाद ही पीना चाहिए


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चाय छानने के 4 मिनट बाद ही चाय पीना चाहिए. क्योंकि छानने के तुरंद बाद पीने से कई तरह के शरीर में दिक्कतें शुरू हो जाती हैं. अगर आप 4 मिनट बाद पिएंगे तो चाय के अंदर की गर्माहट तब तक खत्म हो जाती है. और यह शरीर के लिए उतना खतरनाक नहीं रहता है. 


इसोफेजियल कैंसर के लक्षण?


पुरानी खांसी


अपच या नाराज़गी


कर्कशता


वजन घटना


भूख कम लगना


फूड पाइप से ब्लड निकलना


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