भविष्य में क्या डॉक्टर की जगह लेगा AI, एक्सपर्ट्स से जानें मेडिकल वर्ल्ड में क्या बदलाव ला सकती है ये तकनीक
लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या भविष्य में एआई डॉक्टर की जगह लेगा. अगर आपके भी शहर में यही सवाल है तो चलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानते हैं इसका जवाब.
Artificial Intelligence Role In Health sector: लगातार हाईटेक हो रही दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दखलअंदाजी हर क्षेत्र में बढ़ रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मौजूदगी से ज्यादातर क्षेत्रों में बहुत से काम आसान हो गए हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी चीजें बदलने की ओर इशारा कर रहा है. हेल्थकेयर सेक्टर की बात करें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मौजूदगी ने हेल्थ फैसेलिटीज में काफी बदलाव लाया है
बीमारियों का सही डायग्नोज करने से लेकर उसके रोकथाम के तरीके और डॉक्टर और मरीजों के बीच के रिश्ते को बेहतर बनाने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का की महत्वपूर्ण भूमिका है. ऐसे में लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि क्या भविष्य में आज एआई डॉक्टर की जगह लेगा. अगर आपके भी शहर में यही सवाल है तो चलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानते हैं इसका जवाब.
क्या डॉक्टर की जगह लेगा AI?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कभी भी डॉक्टरों की जगह नहीं ले पाएगा. लेकिन यह उनके काम को बेहतर करने में अलग-अलग तरीके से मदद कर सकता है. इसका सहारा लेकर डॉक्टर मरीजों का और भी अच्छे तरीके इलाज कर सकते हैं. मरीजों की देखभाल में इंसानी इमोशन और विशेषज्ञता बेहद अहम हैं. एआई डॉक्टरों के काम को आसान बनाता है और उनके निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर करता है. लेकिन इलाज के हर स्टेज में डॉक्टर की भूमिका जरूरी है.
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हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह डॉक्टर का समय तो बचाता ही है इसके साथ ही ज्यादा वर्कलोड के बीच उनकी एनर्जी भी सेव करता है. AI की मदद से बड़ी आसानी से मेडिकल रिकॉर्ड अपडेट करने से लेकर अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने और मरीजों की जानकारी लिखने की बजाय AI के जरिए ऑटोमेटेड किए जाने तक का काम किया जा रहा है. इन सब चीजों में से जो समय बच रहा है वो डॉ मरीजों के इलाज पर ज्यादा दे पा रहे हैं, जिससे इलाज और बेहतर तरीके से करने में मदद मिल रही है.
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AI के इस्तेमाल में रिस्क
हेल्थ सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से जहां काम आसान हो रहे हैं वहीं कुछ चुनौतियां भी है जिससे निपटने की जरूरत है. दरअसल AI की मौजूदगी से मरीजों की गोपनीयता और डाटा को सुरक्षित रखने वाले टूल का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है जो मरीज को नुकसान पहुंचा सकता है.
इसके अलावा AI का विकास और रखरखाव काफी महंगा है जो छोटे क्लीनिक या फिर ग्रामीण इलाकों में पहुंचना मुश्किल हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य का एक बेहतर उपाय है लेकिन इस तकनीक का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया करना होगा ताकि तकनीक वरदान बने नुकसान नहीं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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